घर में कहां हो ओपन स्पेस, जानें वास्तु शास्त्र के नियम
किसी भी घर या मकान में खुले स्थान (open space) का महत्त्व बहुत होता है. मकान या भवन की प्राण वायु और सकारात्मक ऊर्जा निर्धारित करने में खुला स्थान (open space) अपनी बड़ी भूमिका निभाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। किसी भी घर या मकान में खुले स्थान (open space) का महत्त्व बहुत होता है. मकान या भवन की प्राण वायु और सकारात्मक ऊर्जा निर्धारित करने में खुला स्थान (open space) अपनी बड़ी भूमिका निभाता है. हम यहां वास्तु शास्त्र के नियमों के मुताबिक जानेंगें कि मकान या भवन में कहां खुला स्थान शुभ होता है और कहां अशुभ होता है…. ये वास्तु नियम घर की सम्रद्धि, धन, संपदा और खुशहाली बढ़ाने में सहायक होते हैं.
मकान में पूर्व, उत्तर दिशा और उत्तर पूर्व यानि ईशान दिशा में स्थान अधिक खुला रखना शुभ और लाभदायक होता है.
मकान या भवन में बरामदा, बालकनी, पोर्टिको, टेरेस, को उत्तर पूर्व रखा जाना चाहिए, बरामदा, बालकनी, पोर्टिको, टेरेसये ओपन स्पेस के अंतर्गत आते हैं.
यदि दो मंजिला भवन है तो पूर्व और उत्तर की और उसकी ऊंचाई हो.
पूर्व और उत्तर की दिशा में इनकी छत खुलना चाहिए.
पूर्व और उत्तर दिशा की ओर खिड़की और दरवाजों की संख्या अधिक होना चाहिए.
खिड़की और दरवाजों की संख्या सम यानि 2, 4, 6, 8 आदि में होना चाहिए.
ध्यान रखें कि खिड़की और दरवाजों की सम संख्या के अंत में 0 नहीं आना चाहिए, जैसे 10, 20, 30, 40, 50 आदि
भवन या मकान के मध्य या बीच या केंद्र स्थान को ब्रम्हस्थान कहा जाता है, जिसे खुला होना चाहिए.
मकान के बीच में चौक या आंगन में यह ब्रम्हस्थान होता है, जिसे भारमुक्त या हल्का रखना चाहिए. ब्रम्हस्थान में भारी वस्तुएं नहीं होना चाहिए.
पूर्व और उत्तर की दिशा में दरवाजे और खिड़की अधिक होना चाहिए.