कब मनाई जाएगी जया एकादशी, जानें इसकी शुभ मुहूर्त एवं व्रत

पंचांग के अनुसार 23 फरवरी दिन मंगलवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है

Update: 2021-02-15 01:58 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | पंचांग के अनुसार 23 फरवरी दिन मंगलवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकादशी के व्रत को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. हर महीने में कम से दो एकादशी तिथि तो होती ही है. जबकि पूरे साल में 24 एकादशियां आती हैं. महिलाएं ज्यादातर एकादशी के व्रत करती हैं. हालांकि, बहुत सारे पुरुष भी हैं, जो इस व्रत को करते हैं. ऐसा कहते हैं कि इस व्रत को करने से आपके सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं और सभी तरह की मनाकामनाएं पूर्ण होती हैं.

भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर ने किया था एकादशी का व्रत
महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को एकादशी के व्रत के महत्व के बारे में बताया था. श्रीकृष्ण के कहने पर ही युधिष्ठिर ने एकादशी का व्रत रखा था. एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
एक माह में होती हैं दो एकादशी
हिंदू पंचांग के अनुसार, एक मास में दो एकादशी होती हैं. एक मास में दो पक्ष होते हैं पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष. प्रत्येक पक्ष की एक एकादशी होती है, जिन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है. सभी एकादशी का विशेष महत्व माना गया है.
जया एकादशी पर की जाती है भगवान विष्णु की पूजा
जया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पिशाच योनि का भय खत्म हो जाता है और पापों से मुक्ति मिलती है. एकादशी का व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला भी माना गया है.
जया एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
22 फरवरी दिन सोमवार को सायं 05 बजकर 16 मिनट से एकादशी तिथि आरंभ होगी और मंगलवार 23 फरवरी को को सायं 06 बजकर 05 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा.
जया एकादशी का पारण
24 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 09 मिनट तक पारण का मुहूर्त है. इस दौरान पारण की अवधि 2 घंटे 17 मिनट की होगी.
इन वस्तुओं का करें इस दिन त्याग
एकादशी का व्रत कठिन व्रतों में से एक माना गया है. एकादशी के दिन चावल का त्याग करना चाहिए और फल आदि का सेवन करना चाहिए. इस दिन क्रोध आदि से बचना चाहिए. पारण के दिन दान देना उचित माना गया है.


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