जब गलती से हो जाए व्रत खंडित...तो अपनाएं ये उपाय

शारदीय नवरात्रि शुरु हो गए हैं. आज नवरात्रि का चौथा दिन यानी मां कूष्मांडा तका दिन है. मां दुर्गा के चौथे स्वरूप का नाम कूष्माड़ा है.

Update: 2020-10-20 04:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| शारदीय नवरात्रि शुरु हो गए हैं. आज नवरात्रि का चौथा दिन यानी मां कूष्मांडा तका दिन है. मां दुर्गा के चौथे स्वरूप का नाम कूष्माड़ा है. इस दिन कूष्मांड माता की पूजा -अर्चना की जाती है. इन दिनों अधिककर लोगों ने व्रत रखे हुए हैं. धार्मिक शास्त्रों के नियमानुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है. लेकिन कई बार गलती से या भूल से व्रत भंग हो जाता है या टूट जाता है. ऐसे में इस धर्म संकट से बचने के लिए कुछ उपाय हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में

– आपका जिस दिन भूल से व्रत टूटा है उस दिन आपके जिस देवी-देवता के लिए व्रत रखा है उनसे पूजा करते समय माफी मांगनी चाहिए.

– देवी देवता के नाम का घर में हवन जरूर कराएं और व्रत टूटने की माफी जरूर मांगे. हवन के बाद प्रार्थना करते समय कहें कि जो हमारे द्वारा व्रत भंग हुआ था उसका दोष दूर करें और व्रत पूर्ण करें

– इस धर्म संकट से बचने के लिए उन देवी और देवता की मूर्ति बना कर उसको सबसे पहले दूध, दही, शहद और शक्कर को मिलाकर पंचामृत से स्नान कराना चाहिए.

– आपसे जिस देवी-देवता का व्रत टूटता है, उस देवी-देवता के विशेष मंत्र को पढ़ने के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए.

– व्रत टूटने पर किसी जानकार पंडित से पूछ कर दान पुण्य जरूर करना चाहिए जिसकी मदद से संबंधित देवी-देवता को मनाने में मदद मिलेगी.

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