कब है इस साल का पहला प्रदोष व्रत, जानिए इसकी शुभ मुहूर्त एवं महत्व

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. साल 2021 का पहला प्रदोष व्रत 10 जनवरी 2021 दिन रविवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है.

Update: 2021-01-09 11:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. साल 2021 का पहला प्रदोष व्रत 10 जनवरी 2021 दिन रविवार को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत भगवान शिव के लिए रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है. मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं और देवतागण उनके गुणगान करते हैं. प्रदोष व्रत रखने और भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से भक्त के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.

प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
- पौष माह कृष्ण त्रयोदशी व्रत शुरू 10 जनवरी 2021 दिन रविवार की शाम 4 बजकर 52 मिनट पर
- व्रत का पारण 11 जनवरी 2021 दिन सोमवार दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- प्रदोष व्रत करने के लिए सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें.
- इसके बाद भगवान शिव को जल चढ़ाकर भगवान शिव का मंत्र जपें.
- प्रदोष काल में भगवान शिव को शमी, बेल पत्र, कनेर, चावल, धूप, दीप, फल, दान और सुपारी आदि अर्पित करें.
- इसके बाद शिव मंत्र का जाप करें.
भगवान शिव के मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः।
प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का दिन होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस दिन शिव पुराण और भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है. मान्यता है कि प्रदोष का व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने किया था. माना जाता है कि श्राप के कारण चंद्रदेव को क्षय रोग हो गया था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से भक्त पर हमेशा भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. इसके अलावा व्रती के दुख और दरिद्रता दूर होती है.


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