सोम प्रदोष व्रत कब, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Update: 2022-12-02 06:21 GMT

 हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। पहला कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस बार प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को लगा जा रहा है। सोमवार पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं। पंचांग के अनुसार सोम प्रदोष व्रत 5 दिसंबर 2022 को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से शिव जी हर संकट को हर लेते हैं। इसके साथ ही रोग, दोष और भय से छुटकारा मिल जाता है। जानिए सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में।

सोम प्रदोष व्रत 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Som Pradosh Vrat 2022 Tithi And Shubh Muhurat)

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी आरंभ- 05 दिसंबर 2022 को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर शुरू

मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी समाप्त- 06 दिसंबर 2022 को 06 बजकर 47 मिनट तक

पूजा का शुभ मुहूर्त - 5 दिसंबर को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 15 मिनट तक

सोम प्रदोष व्रत 2022 पूजन विधि (Som Pradosh vrat 2022 Puja Vidhi)

प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें और साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें।

भगवान शिव का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।

अब पूजा करें। इसके लिए एक साफ जगह या फिर पूजा घर में एक लकड़ी की चौकी में कपड़ा बिछाकर मां पार्वती और शिव जी की तस्वीर स्थापित करें।

इसके बाद फूल, माला, जल, सफेद चंदन, अक्षत, नैवेद्य, बेल पक्ष, शमी पत्र, आक का फूल, धतूरा आदि अर्पित कर दें।

अब भोग लगाएं।

भोग के बाद घी का दीपक और धूप जलाएं और विधिवत चालीसा, मंत्र आदि करने के बाद आरती कर लें।

दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को एक बार फिर स्नान कर लें।

स्नान के बाद शिवलिंग को दूध अभिषेक के साथ पंचामृत से स्नान कराएं।

फिर शिवलिंग में सफेद रंग का चंदन लगाने के साथ बेलपत्र, आक का फूल, धतूरा, भांग, फूल, माला आदि चढ़ा दें।

इसके बाद विधिवत आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।


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