हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं जिनका अपना अलग अलग महत्व होता है लेकिन इन सभी में सीता नवमी बेहद ही खास मानी जाती है। जो देवी सीता की आराधना उपासना को समर्पित होती है। इस बार सीता नवमी का पावन व्रत 29 अप्रैल दिन शनिवार को देशभर में रखा जाएगा। माता सीता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
मान्यता है कि इनकी पूजा आराधना से धन की कमी दूर हो जाती है साथ ही सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। ऐसे में हर कोई सीता नवमी के दिन माता की विधिवत पूजा और व्रत करता है। इस दिन राम सीता के मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
सीता नवमी पर माता सीता के साथ अगर भगवान श्रीराम की पूजा सच्चे मन से कि जाए तो वैवाहिक जीवन की सभी परेशानियों का भी समाधान हो जाता है। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सीता नवमी से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
धार्मिक पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को जगत जननी माता सीता का प्राकट्य हुआ था। जिसे सीता नवमी, जानकी नवमी और सीता जन्मोत्सव के नाम से जाना जाता है। मान्यता है इस दिन माता सीता के संग श्रीराम की पूजा और व्रत करने से पृथ्वी दान का फल व समस्त तीर्थों के दर्शन जितना पुण्य प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन व्रत पूजन करने से साधक को समस्त प्रकार के दुखों, रोगों और संतापों से मुक्ति मिल जाती है।