कब है षटतिला एकादशी व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त एवं महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है। मान्यता है कि अगर व्यक्ति सच्चे मन से इस एकादशी का व्रत करें तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Update: 2021-01-23 12:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिंदू धर्म में एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा होता है। मान्यता है कि अगर व्यक्ति सच्चे मन से इस एकादशी का व्रत करें तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर महीने दो बार एकादशी आती है और पूरे वर्ष में 24 बार एकादशी आती है। फरवरी महीने में पहली एकादशी 7 फरवरी को पड़ रही है जिसे षटतिला एकादशी भी कहा जाता है। षटतिला एकादशी के नाम के से जाहिर होता है कि इस दिन तिल का महत्व बहुत ज्यादा होता है। इस दिन व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में तिल का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही अपनी सामर्थ्यनुसार तिलों का दान भी करना चाहिए। इसका पुण्य बेहद फलदायी होता है।

षटतिला एकादशी का शुभ मुहूर्त:
एकादशी तिथि प्रारम्भ- फरवरी 07, रविवार को सुबह 06 बजकर 26 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- फरवरी 08, सोमवार को सबुह 04 बजकर 47 मिनट तक
षटतिला एकादशी पारणा मुहूर्त: फरवरी 08, सोमवार को 07 बजकर 05 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 12 मिनट
षटतिला एकादशी का महत्व:
इस दिन तिल का महत्व बहुत ज्यादा होता है। मान्यता है कि अगर इश दिन 6 तरह के तिल का इस्तेमाल किया जाए तो पापों का नाश हो जाता है। साथ ही बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इस दिन तिलों का इस्तेमाल परम फलदायी माना जाता है। इस दिन तिल का इस्तेमाल स्नान,उबटन,आहुति,तर्पण,दान और खाने में किया जाता है। जो व्यक्ति षटतिला एकादशी का व्रत करता है उसे वाचिक, मानसिक और शारीरिक पापों से मुक्ति मिलती है।

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