ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है कल यानी 25 फरवरी दिन रविवार से फाल्गुन मास का आरंभ हो चुका है और इस माह में कई बड़े पर्व त्योहार पड़ते हें जिसमें रंगभरी एकादशी भी शामिल होती है। यह एकादशी भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित की गई हैं इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने का विधान होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव और पार्वती विवाह के बाद पहली बार काशी में आए थे। जिसे उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। रंगभरी एकादशी पर काशी में महोत्सव होता है। इसी दिन से होली के पर्व का आरंभ हो जाता है। जो कि पूरे 6 दिनों तक चलता है। रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से जाना जाता है इस दिन व्रत पूजन करने से साधक को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा रंगभरी एकादशी की तारीख और मुहूर्त बता रहे हैं।
रंगभरी एकादशी की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार रंगभरी एकादशी तिथि 19 मार्च की रात 12 बजकर 22 मिनट पर आरंभ हो रही है और 20 मार्च को रात में 2 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदयातिथि के अनुसार रंगभरी एकादशी का व्रत 20 मार्च को किया जाएगा और व्रत का पारण अगले दिन यानी की 21 मार्च को सुबह 9 बजे से पहले किया जा सकता हैं
20 मार्च के दिन काशी में रंगभरी एकादशी पर होली खेली जाएगी। इस दिन भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती को गुलाल अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं इस दिन पूजा पाठ करने से जीवन में खुशहाली आती है और वैवाहिक जीवन के तनाव दूर हो सकते हैं।