कब है पापमोचनी एकादशी

पापमोचनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सहित 4 शुभ योग बन रहे हैं

Update: 2023-03-16 13:08 GMT
पापमोचनी एकादशी का व्रत हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है. होली के बाद यह पहली एकादशी है. पापमोचनी एकादशी के दिन लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. इस व्रत को करने से व्यक्ति को कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है. पापमोचनी एकादशी की कथा में बताया गया है कि पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2023 Date) का व्रत करने से अप्सरा मंजुघोषा को पिशाच योनि से मुक्ति मिली. वह अपने पापों से मुक्त हो गया था. पापमोचनी एकादशी व्रत का महत्व बताते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने भी धर्मराज युधिष्ठिर को कथा सुनाई थी. आइये जानते हैं कब है पापमोचनी एकादशी व्रत और पूजा मुहूर्त.
पापमोचनी एकादशी 2023 तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 6 मिनट से प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 18 मार्च शनिवार को सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक मान्य रहेगी. उदयतिथि के आधार पर पापमोचनी व्रत किया जाता है. 18 मार्च को एकादशी मनाई जाएगी.
पापमोचनी एकादशी पर 4 शुभ योग बन रहे हैं
पापमोचनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सहित 4 शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन शिव योग सुबह से 11 बजकर 54 मिनट तक है, उसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 28 मिनट से देर रात 12 बजकर 29 मिनट तक है. द्विपुष्कर योग देर रात 12 बजकर 29 मिनट से अगले दिन 19 मार्च को सुबह 06 बजकर 27 मिनट तक है.
पापमोचनी एकादशी 2023 पूजा का समय
पापमोचनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग वाले भगवान विष्णु की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह से शुरू हो जाएगा. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. इस दिन आप पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा सुबह 06 बजकर 28 मिनट से कर सकते हैं. इस दिन पूजा के समय राहुकाल का ध्यान रखें.
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