कब है नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ, अहोई अष्टमी, शरद पूर्णिमा...जाने सब कुछ एक क्लिक पर

अंग्रेजी कैलेंडर के 10वें मा​ह अक्टूबर का प्रारंभ आज से हो रहा है, हालांकि हिन्दू कैलेंडर का आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है।

Update: 2022-06-22 04:30 GMT

अंग्रेजी कैलेंडर के 10वें मा​ह अक्टूबर का प्रारंभ आज से हो रहा है, हालांकि हिन्दू कैलेंडर का आश्विन मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है। अक्टूबर 2021 में शारदीय नवरात्रि, महाष्टमी, विजयादशमी, दुर्गा पूजा, दशहरा, करवा चौथ, शरद पूर्णिमा, अहोई अष्टमी के अलावा मासिक प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, आश्विन अमावस्या, सर्व पितृ अमावस्या, इंदिरा एकादशी, पापांकुशा एकादशी, आश्विन पूर्णिमा जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार पड़ने वाले हैं। नवरात्रि के प्रारंभ से ही महाराजा अग्रसेन जयंती एवं महर्षि बाल्मिकी जयंती भी आएगी। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं कि ये महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार कब और किस दिन हैं। समय पूर्व आप इनके बारे में जा लें, ताकि आप पहले से ही इनकी तैयारियां कर लें और धूमधाम से ये व्रत एवं त्योहार मनाएं।

अक्टूबर 2021 के व्रत एवं त्योहारों की सूची
02 अक्टूबर: दिन: शनिवार: इंदिरा एकादशी व्रत, महात्मा गांधी जयंती।
03 अक्टूबर: दिन: रविवार: मघा श्राद्ध।
04 अक्टूबर: दिन: सोमवार: प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि।
06 अक्टूबर: दिन: बुधवार: सर्व पितृ अमावस्या, आश्विन अमावस्या, पितृ पक्ष का समापन।
07 अक्टूबर: दिन: गुरुवार: शारदी नवरात्रि का प्रारंभ, कलश स्थापना, महाराज अग्रसेन जयंती।
09 अक्टूबर: दिन: शनिवार: विनायक चतुर्थी।
12 अक्टूबर: दिन: मंगलवार: महासप्तमी।
13 अक्टूबर: दिन: बुधवार: महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी, कन्या पूजन।
14 अक्टूबर: दिन: गुरुवार: महानवमी, नवरात्रि हवन।
15 अक्टूबर: दिन: शुक्रवार: दशहरा, विजयादशमी, नवरात्रि पारण, दुर्गा पूजा।
16 अक्टूबर: दिन: शनिवार: पापांकुशा एकादशी व्रत
17 अक्टूबर: दिन: रविवार: प्रदोष व्रत
19 अक्टूबर: दिन: मंगलवार: कोजागरी पूजा, आश्विन पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, ईद ए मिलाद।
20 अक्टूबर: दिन: बुधवार: महर्षि बाल्मिकी जयंती
24 अक्टूबर: दिन: रविवार: करवा चौथ, गणेश संकष्टी चतुर्थी।
28 अक्टूबर: दिन: गुरुवार: अहोई अष्टमी।
अक्टूबर का माह व्रत एवं त्योहारों की दृष्टि से अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस माह में ही नौ दुर्गा की पूजा होती है। दशहरा और विजयादशमी का महापर्व होता है। पितरों की आत्म तृप्ति के लिए सर्व पितृ अमावस्या होती है। पतियों की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ भी इसी माह में आता है।
माता लक्ष्मी कृपा पाने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन कोजागरी पूजा की जाती है, इसे दिवाली के जैसा ही महत्वपूर्ण माना जाता है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अमृत वर्षा का उत्सव मनाते हैं। पुत्र के सुखी और निरोगी जीवन के लिए अहोई अष्टमी का व्रत होता है।

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