सनातन धर्म में कई सारे तीज त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन कजरी तीज को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती हैं। कजरी तीज को कज्जली तीज के नाम से भी जाना जाता हैं।
कजरी तीज का व्रत अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता हैं इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए दिन भर निर्जला व्रत करती हैं और शाम को चंद्रमा को जल देने के बाद व्रत खोलती हैं। इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विधान होता हैं मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत पूजन करने से जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती हैं। तो आज हम आपको कजरी तीज की तिथि और मुहूर्त बता रहे हैं।
कजरी तीज की तिथि—
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 1 सितंबर को रात 11 बजकर 50 मिनट पर हो रहा हैं वही अगले दिन यानी 2 सितंबर को रात 8 बजकर 49 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। उदया तिथि की मानें तो इस साल कजरी तीज का पर्व 2 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन शादीशुदा महिलाओं द्वारा व्रत पूजन किया जाता हैं।
कजरी तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त—
कजरी तीज के दिन पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 57 मिनट से सुबह 9 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। तो वही रात्रि में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 9 बजकर 45 मिनट से रात के 11 बजकर 12 मिनट तक रहने वाला हैं मान्यता है कि इस मुहूर्त में शिव पार्वती की पूजा अर्चना करने से व्रत पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होता हैं।