नई दिल्ली : हिंदू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है. उस दिन से चैत्र नवरात्रि का भी प्रारंभ होता है. उस दिन कलश स्थापना के साथ ही पहली नवदुर्गा मां शैत्रपुत्री की भी पूजा होगी. हिंदू पंचांग का नया वर्ष इस बार 9 अप्रैल मंगलवार से प्रारंभ है. नए साल में अगर आप भवन निर्माण के बारे में विचार कर रहे हैं, तो आपको यह कार्य किसी भी शुभ मुहूर्त में करना उचित रहेगा. शुभ मुहूर्त में शुरू किया गया कार्य न केवल बिना किसी बाधा के पूरा होता है, बल्कि अपने निर्धारित समय में पूरा होगा.
बता दें कि हिंदू नववर्ष का प्रारंभ सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने कराया था. हिंदू कैलेंडर में दो पक्ष होते हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष. 15 दिनों का एक पक्ष होता है. प्रतिपदा से अमावस्या तक कृष्ण पक्ष और प्रतिपदा से पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष होता है. हिंदी कैलेंडर में 12 माह होते हैं. हर 3 साल पर एक अधिक माह इसमें जुड़ जाता है, उसे मलमास या अधिकमास कहते हैं.
भवन निर्माण का कार्य शुभ मास में ही करना चाहिए. वास्तुपुरुष की सही समय पर स्थापना करने से घर में सभी प्रकार की सुविधा बनी रहती है, सदस्यों के बीच आपसी प्रेम के साथ रिश्तों का भी विघटन नहीं होता. आजकल एकांकी परिवार अधिक होने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में आने वाली अप्रैल से जुलाई लेकिन देवशयनी एकादशी से पहले अक्टूबर में मकान बनाने का प्रारंभ करना शुभ रहता है.
मार्च, जून, सितंबर, दिसंबर में निर्माण कार्य का प्रारंभ नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन महीनों में भवन निर्माण करना अशुभ रहेगा. अगर किसी ने अपनी परिस्थितियों के अनुसार कार्य शुरू भी करा दिया तो बाधाएं आती रहती हैं.
अगर आपको किसी भी बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन का काम शुरू करना है, तो शुभ तिथियां पहले ही दी गई, महीने की किसी भी तिथियों में जैसे द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और पूर्णिमा वगैरह शुभ हैं. इनके अलावा कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा भी शुभ रहेगी. अभी से अगर आप इसके माध्यम से सभी कार्यों को नियम बनाकर चलेंगे, तो आने वाले मुहूर्त का उपयोग करने में सफल हो सकते हैं.