कब है द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत

Update: 2023-02-02 16:22 GMT
हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते है और सभी का अपना महत्व भी होता है वही हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है इस दिन भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा की जाती है मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजन करने से गौरी पुत्र गणेश अपने भक्तों पर कृपा बरसाते है।
वही फाल्गुन मास का आरंभ 6 फरवरी से हो रहा है और इसी महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाएगा। जो कि इस बार 9 फरवरी को पड़ रही है तो आज हम आपको इस व्रत पूजन से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है।
तारीख और शुभ मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 फरवरी को सुबह 6 बजकर 23 मिनट से आरंभ होगी और 10 फरवरी को सुबह 7 बजकर 58 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। ऐसे में 9 फरवरी को द्विजाप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन चंद्रमा की पूजा करना उत्तम माना जाता है।
पूजन की संपूर्ण विधि—
आपको बता दें कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि व्रत पूजन का संकल्प करें फिर श्री गणेश को पूजा में 11 दूर्वा गांठ अर्पित करें और 108 बार ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥ इस मंत्र का जाप करें और भगवान को सभी पूजन सामग्री अर्पित करके अंत में श्री गणेश की आरती जरूर पढ़ें। मान्यता है कि इस दिन अगर श्री गणेश की विधिवत पूजा की जाए तो सभी प्रकार के सुखों में वृद्धि होती है और अच्छी सेहत का आशीर्वाद भी मिलता है वही जीवन में चल रही सभी परेशानियों भगवान की कृपा से दूर हो जाती है और समृद्धि में वृद्धि होती है।
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