कब है देवशयनी एकादशी व्रत

Update: 2023-06-13 16:51 GMT
हिंदू धर्म में कई सारे व्रत पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन एकादशी का व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित होता हैं। शास्त्र अनुसार एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु की प्रिय तिथियों में से एक मानी जाती हैं इस दिन विष्णु पूजा उत्तम फल प्रदान करती हैं एकादशी का व्रत हर माह के दोनों पक्षों में पड़ता हैं।
अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता हैं जो कि इस बार 29 जून दिन गुरुवार को पड़ रही हैं देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी भी कहते हैं ये दिन विष्णु कृपा प्राप्ति का सबसे खास दिन माना जाता हैं इसी दिन से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं जिस कारण सभी शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता हैं तो आज हम आपको देवशयनी एकादशी की पूजा विधि बता रहे हैं।
पूजन की विधि—
आपको बता दें कि देवशयनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर उन्हें प्रणाम करें इसके बाद मन में 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय'इस मंत्र का जाप करें फिर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्रों को धारण कर व्रत पूजन का संकल्प लें। इसके बाद पूजन स्थल पर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें। पूजा में भगवान को फल, पुष्प, दूध, पंचामृत का भोग लगाएं और विष्णु जी की विधिवत पूजा करें इसके बाद भगवान की आरती उतारें।
दिनभर उपवास रखते हुए भगवान का ध्यान करें। फिर संध्याकाल में भगवान की पूजा करें और उनकी आरती करें। साथ ही व्रत कथा का पाठ जरूर करें। मान्यता है कि एकादशी व्रत में भगवान को पीली चीजों का भोग लगाना चाहिए। वही व्रती को इस दिन फलाहार ग्रहण करना चाहिए। इस विधि से पूजा पाठ और व्रत करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं।
Tags:    

Similar News