अपरा एकादशी व्रत कब? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय एवं महत्व

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी व्रत रखा जाता है, इसे अचला एकादशी भी कहते हैं.

Update: 2022-05-14 04:00 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) व्रत रखा जाता है, इसे अचला एकादशी भी कहते हैं. अपरा एकादशी व्रत अपार धन और प्रसिद्धि देने वाली होती है. इस दिन भगवान विष्णु की ​पूजा करते हैं और अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ करते हैं या सुनते हैं. इस व्रत कथा को सुनने या पढ़ने मात्र से ही पापों का नाश होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं अपरा एकादशी व्रत के पूजा मुहूर्त एवं पारण समय के बारे में.

अपरा एकादशी 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मई दिन बुधवार को सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर शुरु हो रही है. इस तिथि का समापन अगले दिन 26 मई दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत 26 मई को रखा जाएगा.
अपरा एकादशी 2022 पूजा मुहूर्त
अपरा एकादशी का दिन बेहद ही शुभ है. अपरा एकादशी को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है. सुबह से लेकर रात 10 बजकर 15 मिनट तक आयुष्मान योग और उसके बाद सौभाग्य योग है. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफलता प्रदान करने वाले हैं. ऐसे में आप प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर अपरा एकादशी व्रत की पूजा कर सकते हैं.
अपरा एकादशी 2022 पारण समय
जो लोग अपरा एकादशी व्रत 26 मई को रखेंगे, वे व्रत का पारण अगले दिन 27 मई शुक्रवार को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बीच कर सकते हैं. कोई भी व्रत तभी पूर्ण होता है, जब उसका पारण कर लिया जाता है.
अपरा एकादशी व्रत का महत्व
जब युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी के बारे में पूछा था, तो श्रीकृष्ण ने बताया कि इस एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है, उसे अपार धन प्राप्त होता है और उसे संसार में यश मिलता है. उसका नाम होता है.जनता से रिश्ता वेबडेस्क।
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