हर महीने अमावस्या का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने का अधिक महत्व है। हिंदू नववर्ष के चौथे महीने में आषाढ़ अमावस्या मनाई जाती है। इस साल आषाढ़ अमावस्या 05 जुलाई (Kab Hai Amavasya 2024) को पड़ रही है। इस अवसर पर पितृ तर्पण और पितरों की पूजा करने का विधान है। साथ ही भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की उपासना की जाती है। आषाढ़ अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2024 Date And Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 05 जुलाई 2024 को सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 06 जुलाई को 04 बजकर 26 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या का पर्व 05 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा।
आषाढ़ अमावस्या पूजा विधि (Ashadha Amavasya Puja Vidhi)
अमावस्या का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है। इस दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवताओं के ध्यान से करें और गंगा स्नान करना चाहिए। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। भगवान विष्णु की सच्चे मन से उपासना करें। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण करें। साथ ही उनकी आत्मा की शांति के लिए व्रत करें। शुभ फल की प्राप्ति के लिए श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
आषाढ़ अमावस्या 2024 दान (Ashadha Amavasya 2024 Daan)
हिंदू धर्म में किसी पर्व और व्रत के दौरान दान करने का विशेष महत्व है। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या के अवसर पर लोगों में वस्त्र का दान करें। माना जाता है कि इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
आषाढ़ अमावस्या पर भूमि दान भी कर सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भूमि का दान करने से जातक को पितृ देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।