कब है अहोई अष्टमी? जानिए संतान के खुशहाल जीवन की कामना वाले व्रत की सही तिथि...

नवंबर का पहला सप्ताह चल रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है।

Update: 2020-11-05 04:28 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नवंबर का पहला सप्ताह चल रहा है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। नवंबर के इस पहले सप्ताह में अहोई अष्टमी जैसा महत्वपूर्ण व्रत आने वाला है। आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहार कब और किस दिन हैं।

अहोई अष्टमी व्रत: 08 नवंबर: दिन रविवार

अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी 08 नवंबर दिन रविवार को है। अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 08 नवंबर को सुबह 07:29 बजे से हो रहा है, जो 09 नवंबर को प्रात:काल 06:50 बजे तक है। इस दिन महिलाएं आपनी संतान की सुरक्षा तथा मंगलकामना के लिए यह व्रत रखती हैं। यह व्रत उत्तर भारत में विशेष तौर पर रखा जाता है। यह व्रत जितिया व्रत के समान ही है। अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं अहोऊ देवी की पूजा विधि विधान से करती हैं।

जो बीत गया

अशून्य शयन द्वितीया व्रत: 02 नवंबर दिन: सोमवार

आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन अशून्य शयन द्वितीया व्रत होता है। इस दिन पुरुष अपनी पत्नी के लिए व्रत रखते हैं। आज के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान से की जाती है। साथ ही पत्नी की लंबी और सुखी जीवन की कामना करते हैं। इस व्रत को करने से दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है, वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान भी होता है।

करवा चौथ व्रत: 04 नवंबर: दिन बुधवार

करवा चौथ व्रत हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत आज 04 नवंबर दिन बुधवार को है। इस दिन सुहागन महिलाएं और वे कन्याएं जिनका विवाह होने वाला होता है, वे अपने जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। उनके सुखद और खुशहाल जीवन की कामना करती है। इस दिन रात के समय में चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है, उसके बाद महिलाएं अपने पति के हाथों से जल ग्रहक करके पारण करती हैं और व्रत को पूरा करती हैं।

गणेश संकष्टी चतुर्थी व्रत: 04 नवंबर: दिन बुधवार

कार्तिक माह का संकष्टी चतुर्थी व्रत आज 04 नवंबर दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा विधि विधान से की जाएगी। इस दिन उनको दुर्वा अर्पित करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है। वैसे भी बुधवार का दिन गणेश जी की पूजा के लिए समर्पित है और उस दिन चतुर्थी भी है, तो इन दो वजहों से उस दिन विघ्नहर्ता की पूजा करना उत्तम रहेगा। वे सभी संकटों का नाश कर देते हैं।

इस सप्ताह ग्रहों की चाल

03 नवंबर: दिन: मंगलवार: बुध तुला राशि में मार्गी

06 नवंबर: दिन: शुक्रवार: सूर्य विशाखा नक्षत्र में


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