'काल उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का', सावन में रोज करें इनकी आरती

Update: 2023-07-22 11:30 GMT
धर्म अध्यात्म: सावन मास चल रहा है, इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है। इस दौरान उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष 'भस्म आरती' भी होती है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। कहते हैं महाकाल के दर से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है, उनका आशीष जिस पर रहता है उसे कोई भी कष्ट नहीं पहुंचता है। वो इंसान सारे सुख का भागी बनता है और उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन सभी लोग तो 'भस्म आरती' में शामिल नहीं हो सकते हैं लेकिन अगर वो रोज महाकाल की आरती करें तो उन्हें भी भगवान का आशीर्वाद मिलता है। महाकाल की आरती ॐ जय शिव जय महाकाल, स्वामी जय शम्भू महाकाल, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, तुम कालो के काल, ओम जय शिव जय महाकाल।। तर्ज - ॐ जय शिव ओमकारा। बारह ज्योतिर्लिंग में, महिमा बड़ो है नाम, क्षिप्रा तट उज्जैन में, महाकाल को धाम, ओम जय शिव जय महाकाल।।
तुम भीमेश्वर देवा, तुम काशी विश्वनाथ, गोमती तट त्रयंभकेश्वर, दारूकवन नागनाथ, ओम जय शिव जय महाकाल।। हाथ जोड़ तेरे द्वारे, काल खड़ा लाचार, सुर नर असुर चराचर, सब के हो करतार, ओम जय शिव जय महाकाल।। चिता भस्म से तेरो, नित नित हो श्रृंगार, भक्तन का मन मोहे, तेरो रूप निहार, ओम जय शिव जय महाकाल।। भस्म आरती तेरी, अद्भुत है भगवन, भाग्यवान नर नारी, पाएं शुभ दर्शन, ओम जय शिव जय महाकाल।। साथ में गणपति गौरा, कार्तिक है देवा, द्वार खड़े है नंदी, नित उठ करे सेवा, ओम जय शिव जय महाकाल।। जो जन तेरा दर्शन, श्रद्धा से कर जाए, मौत अकाल ना आए, सुख वैभव पा जाए, ओम जय शिव जय महाकाल।। महाकाल की आरती, जो नर नारी गाए, कहत 'महेश' प्रभु से, मन इच्छा फल पाए, ओम जय शिव जय महाकाल।। ॐ जय शिव जय महाकाल, स्वामी जय शम्भू महाकाल, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, तुम कालो के काल, ओम जय शिव जय महाकाल।।

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