क्या है चैत्र मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाते हैं.

Update: 2023-03-19 13:11 GMT
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाते हैं. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ही मासिक शिवरात्रि का पर्व आता है. इस बार 20 मार्च को मासिक शिवरात्रि पड़ी है जो भगवान शंकर को समर्पित होती है. इस बार शुभ संयोग है कि मासिक शिवरात्रि सोमवार के दिन पड़ी है क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शंकर का माना जाता है. भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए इस मासिक शिवरात्रि आपको विशेष पूजा करनी चाहिए. चलिए आपको चैत्र मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि, मुहूर्त और इसका महत्व बताते हैं.
कब है चैत्र मासिक शिवरात्रि? 
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को चैत्र मासिक शिवरात्रि मनाते हैं और इस बार 20 मार्च दिन सोमवार को ये खास दिन पड़ा है. 20 मार्च दिन सोमवार को प्रात: काल 4 बजकर 55 मिनट से इसका शुभ योग शुरू हो रहा है जो 21 मार्च दिन मंगलवार की सुबह 1 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा. भगवान शंकर की पूजा रात्रि के समय में होती है इसलिए इसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं इसलिए 20 मार्च की शाम ही इस पूजा को करना होगा. 20 मार्च को मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 04 मिनट से लेकर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. इस दिन निशिता काल में पूजा करने का शुभ मुहूर्त 47 मिनट का ही है. इस दिन भद्रा और पंचक भी है जो पूरे दिन रहेगा. सोमवार पड़ने के कारण इसका शुभ योग रहेगा तो इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने का विशेष फल भी मिलेगा.
मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने वालों पर भगवान शंकर की विशेष कृपा मिलती है. जिससे आपके कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. मासिक शिवरात्रि के निशिता मुहूर्त में सिद्धियां प्राप्ति करने वाले पूजा करते हैं. भगवान शंकर का व्रत रखने के लिए 20 मार्च दिन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद दिनभर व्रत रहने के बाद शाम में भगवान शंकर की विशेष पूजा किसी मंदिर जाकर सकते हैं. उनकी पूजा में भांग, धतूरा, बेलपत्र, चंदन, दूध, दही से अभिषेक करने के बाद भस्म लगाकर उनकी आरती करें. शिव चालिसा, शिव स्त्रोत और अंत में शिव आरती जरूर करें.
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