सनातन धर्म में प्रकृति का बहुत महत्व है। भगवान कृष्ण ने स्वयं भगवत गीता में कहा है कि ब्रह्मांड के कण-कण में ईश्वर का वास है। अत: समस्त प्रकृति की रक्षा की जानी चाहिए। नदियाँ भी प्रकृति का अभिन्न अंग हैं। भारत में नदियों को देवी का दर्जा दिया जाता है। गंगा, यमुना जैसी कई पवित्र नदियों को मां का दर्जा दिया गया है।
नदी में स्नान का महत्व |
भारत में कई नदियों को लोकमाता कहा जाता है। शास्त्रों में स्नान करते समय सात नदियों गंगा, यमुना, सिंधु, नर्मदा, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी का स्मरण करने का भी विधान है। पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य को पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही आपको सेहत से लेकर समृद्धि तक का आशीर्वाद मिलता है।
नदी में स्नान करने से लाभ |
नदी में स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है। इससे मनुष्य को भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही शरीर और मन भी शुद्ध होता है। नदी में स्नान करने से आत्मा को शांति मिलती है और मानवीय गुण दूर होते हैं। नदी में स्नान करने से स्वस्थ जीवन मिलता है। साथ ही यह नकारात्मक ऊर्जा को भी आपसे दूर रखता है। मान्यताओं के अनुसार नदी में स्नान करने से भी ग्रहों की स्थिति में सुधार होता है।
जानिए क्या हैं नदी में स्नान करने के नियम
ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करना चाहिए। सुबह के समय नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। नदी में स्नान करते समय सूर्य को जल अवश्य चढ़ाना चाहिए। नहाते समय साबुन या शैम्पू का प्रयोग न करें। भूलकर भी नदी में कपड़े न धोएं। किसी भी पवित्र नदी में स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करें। आप चाहें तो घर पर नहाते समय भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। ऐसा करने से भी शुभ फल मिलता है।