कर्म एक क्रिया है, फिर चाहे वो मन से की जाए या शरीर से, उसका निश्चित रूप से कोई न कोई परिणाम अवश्य निकल कर आता है, जो उस व्यक्ति विशेष को भोगना पड़ता है। जीवन में किसी न किसी उद्देश्य के लिए कोई न कोई कर्म अवश्य करता है। जानें-अनजाने में हमसे कई अच्छे कर्म होते हैं तो कई बूरे। कर्म अच्छे हो या बूरे वो हमें भुगतना अवश्य पड़ता है। किसी भी इंसान को कर्म को आखिर किस भाव से करना चाहिए और इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है, आइए इनसे जुड़ी बातों को जानते हैं-
आप जीवन में कामयाब हो या फिर नाकामयाब, ये सभी आपके द्वारा किए गए कार्यों का परिणाम होते हैं।
जीवन में कुछ संयोग, कुछ भाग्य और अपने कर्मों से ही होता है।
कहते हैं बूरे कर्मों का बूरा फल, आज नहीं तो कल इसलिए अपने द्वारा किए गए कर्मों के बारे में जरूर सोचें।
हमेशा बिना किसी स्वार्थ के कर्म करते रहना चाहिए।
आप जैसा कर्म करेंगे आपको उसका फल भी उसी के अनुकूल मिलेगा, चाहे वह अच्छा हो या बूरा।