हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता हैं लेकिन जितिया व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि महिलाएं अपनी संतान के लिए करती है माना जाता है कि इस व्रत को करने से संतान की आयु में वृद्धि होती है साथ ही साथ अच्छी सेहत और उन्नति का भी आशीर्वाद मिलता है।
अगर किसी दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है तो ऐसे में आप इस व्रत को कर सकती है। जितिया व्रत के दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती है और पूजा पाठ कर ईश्वर से प्रार्थना करती है। यह व्रत नहाए खाए से शुरु होता है और सप्तमी, अष्टमी व नवमी तक चलता है। आपको बता दें कि इस साल जितिया व्रत 5 अक्टूबर से आरंभ होकर 7 अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा जितिया व्रत पूजन का मुहूर्त बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
जितिया व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार 5 अक्टूबर को नहाय खास है यह 6 अक्टूबर को सूर्योदय से पहले तक रहेगा। व्रत 6 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 34 मिनट से आरंभ हो रहा है जो कि 7 अक्टूबर को 10 बजकर 32 मिनट तक चलेगा। इस दौरान पूजा पाठ करना उत्तम रहेगा। मान्यता है कि जितिया व्रत के दिन उपवास रखकर पूजा करने से मनोकामना पूरी हो जाती है।
जितिया व्रत माताओं के लिए बेहद खास होता है अगर किसी महिला के कोई संतान नहीं है और वह संतान हीन है तो ऐसे में संतान प्राप्ति के लिए जितिया व्रत किया जा सकता है। इसके अलावा अपने पुत्र की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए भी माताएं इस व्रत को करती है।