भंडार घर के लिए क्या है वास्तु नियम
स्टोर रूम को कभी भी धन रखने वाले क्षेत्र यानी की उत्तर दिशा में भी नहीं बनाना चाहिए।
वास्तु भंडारघर को स्टोर रूम कहते हैं। यह स्थान लगभग सभी घरों में होता है। घर में स्टोर रूम इसलिए बनाते हैं क्योंकि वहां पर हम भविष्य में काम आने वाली वस्तुओं का संग्रह होता है। जैसे राशन, अनाज, अन्य सामग्री और बेकार का सामान भी यहां रखते हैं। आओ जानते हैं स्टोर रूप में वास्तु नियम।
1. यदि किचन में भंडार घर या स्टोर रूम है तो यह पति-पत्नी के बीच कलह-कलेश और अत्यधिक खर्च पैदा करेगा। इसे शनि-मंगल योग कहते हैं। उन्हें कमाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है और सारी कमाई खर्च हो जाती है। भविष्य के लिए बचत नहीं हो पाती।
2. स्टोर रूम को कभी भी धन रखने वाले क्षेत्र यानी की उत्तर दिशा में भी नहीं बनाना चाहिए। यह करियर के विकास और धन के आगमन को बाधित करता हैं। साथ ही घर की महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत आती है।
3. ईशान कोण में स्टोर रूम हो तो मुखिया घूमने फिरने में अधिक खर्च करता है। उसके माता पिता अधिक दान-पुण्य करने वाले होते हैं।
4. स्टोर रूप को पूर्व दिशा में बनाने या इस दिशा में उपरोक्त सामान रखने से सामाजिक रिश्तों में प्रगति नहीं होती यह उसे बाधित कर कटुता बढ़ाता है। घर का मुखिया आजीविका के लिए यात्रा ही करता रहता है।
5. आग्नेय दिशा में रखने से धन की हानि होती है। आमदानी अठन्नी और खर्चा रुपय्या जैसे हालात होते हैं। घर में हैसियत से ज्यादा कीमती सामान आता है।
6. दक्षिण दिशा में स्टोर रूप रखने से सुरक्षा का भाव तो आता है परंतु परिवार के सदस्यों के बीच गलमफहमी के कारण आपसी मतभेद बढ़ जाते हैं।
7. नैऋत्य दिशा में रखने से अनाज आदि खाद्य सामग्री में जल्दी ही कीड़े लगने लगते हैं। घर के वृद्ध लोग शीत और गैस रोग से पीड़ीत हो जाते हैं। दवाईयों का खर्च बढ़ जाता है।
8. पश्चिम दिशा में स्टोर रूप बनाने से घर के युवा यात्रा से संबंधित कार्यक्षेत्र में या व्यापारिक सौदों से लाभ प्राप्त करते हैं। घर का मुखिया बुद्धिमान होता है, लेकिन उसके पराई स्त्री के आकर्षण में फंसने की संभावना रहती है।
9. वायव्य कोण में भंडारण या स्टोर रूम होने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और व्यक्ति मान-सम्मान प्राप्त करता है। ऐसे घर का मुखिया यात्रा प्रेमी होता है। हालांकि मन में अशांति रहती है और किसी महिला के चक्कर में बदनामी होती है।