Vishwakarma Puja: शतभिषा नक्षत्र में मनाई जा रही विश्वकर्मा पूजा

Update: 2024-09-17 07:42 GMT
Vishwakarma Puja ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन विश्वकर्मा पूजा को विशेष माना गया है जो कि भाद्रपद माह में पड़ता है इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की जाती है मान्यता है कि इस दिन इनकी पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा देव शिल्पी हैं इन्हें ब्राह्माण का सबसे बड़ा वास्तुकार भी कहा जाता है हर साल 17 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है माना जाता है कि इसी शुभ दिन पर भगवान विश्वकर्मा का अवतरण हुआ था। इस साल विश्वकर्मा पूजा आज यानी 17 सितंबर दिन मंगलवार को मनाई जा रही है
 इसे विश्वकर्मा दिवस के नाम से भी जाना जाता है इस दिन फैक्ट्री, कारखानों में मशीन और पुर्जे की पूजा का विधान होता है। इस पर्व को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है विश्वकर्मा पूजा के दिन पूजा पाठ के दौरान अगर भगवान विश्वकर्मा जी की आरती पढ़ी जाए तो भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सारी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं विश्वकर्मा जी की आरती।
 ।।विश्वकर्मा जी की आरती।।
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…
'श्री विश्वकर्मा जी' की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…
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