Vishwakarma Puja 2021: हिंदू धर्म में ब्रह्मा के सातवें पुत्र के रूप में पूज्य हैं भगवान विश्वकर्मा, जानें विश्वकर्मा जी के पांच अवतार
ब्रह्मांड के प्रथम अभियंता व यंत्रों के देवता माना जाता है। धर्मशास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि पिता ब्रह्मा जी की आज्ञा के अनुसार विश्वकर्मा को इंद्रपुरी, भगवान कृष्ण की द्वारिकानगरी, सुदामापुरी, इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंकानगरी, पुष्पक विमान, शिव के त्रिशूल
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में ब्रह्मा के सातवें पुत्र के रूप में पूज्य हैं भगवान विश्वकर्मा। उन्हें सृष्टि के निर्माण की रूपरेखा व आकार देने वाले शिल्पकार, ब्रह्मांड के प्रथम अभियंता व यंत्रों के देवता माना जाता है। धर्मशास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि पिता ब्रह्मा जी की आज्ञा के अनुसार विश्वकर्मा को इंद्रपुरी, भगवान कृष्ण की द्वारिकानगरी, सुदामापुरी, इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंकानगरी, पुष्पक विमान, शिव के त्रिशूल, यमराज के कालदंड और विष्णुचक्र सहित अनेक देवताओं के राजमहल व राजधानियों का निर्माण का कार्य सौंपा गया था, जिसे अद्भुत कुशलता से विश्वकर्मा ने संपन्न किया। विष्णुपुराण के पहले अंश में विश्वकर्मा को देवताओं के वर्धकी (काष्ठशिल्पी) होने का वर्णन मिलता है। एक स्थान पर उल्लेख मिलता है कि जल पर सहज रूप से चल सकने की खड़ाऊं बनाने का सामथ्र्य उनमें मौजूद था।