कल मनाया जाएगा विनायक चतुर्थी व्रत, जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हिंदू धर्म में प्रत्येक पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है.
हिंदू धर्म में प्रत्येक पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है. सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय होता है. इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस महीने की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश की पूजा-अर्चना होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती हैं. चतुर्थी के दिन विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा अर्चना होती है. मान्यता है कि विघ्नहर्ता आपके सभी दुखों को दूर करते हैं. इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को धन लाभ मिलता है. सावन मास का पहली संकष्टी चतुर्थी कल मनाई जाएगी. आइए जानते हैं सावन में विनायक चतुर्थी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में.
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
विनायक चतुर्थी तिथि का प्रारंभ- 11 अगस्त 2021 को शाम में 04 बजकर 53 मिनट से
विनायक चतुर्थी का समापन- 12 अगस्त 2021 को शाम में 03 बजकर 24 मिनट तक
सावन विनायक चतुर्थी व्रत विधि
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और विधि-विधान से व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थल को अच्छे से साफ करके उस चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. इस पर भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो स्थापित करें. इसके बाद भगवान गणेश के सामने दीप जलाएं और फूल, दूर्वा, जनेऊ, पान, सुपारी, इलायची, नारियल, मिठाई अर्पित करें. इसके बाद मंत्रों का जाप और पाठ करें. भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं. इस दिन 'ऊं गं गणपतयै नम:' का जाप करना बेहद फलदायी होता है. इसके अलावा गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करें
विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर होती हैं. इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है. भगवान गणेश को बल, बुद्धि और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है. हिंदू धर्म में सबसे प्रथम पूजा भगवान गणेश की होती है. मान्यता है कि गणेश जी किसी भी काम में आने वाले विघ्न को दूर देते हैं. इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहते हैं.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं