Vinayaka Chaturthi 2021: 7 दिसंबर को है मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी, जानिए शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य और शुभ कार्य भगवान गणेश की पूजा के बिना संपन्न नहीं होता है

Update: 2021-12-05 18:52 GMT

Vinayak Chaturthi 2021: हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य और शुभ कार्य भगवान गणेश की पूजा के बिना संपन्न नहीं होता है. यही कारण है कि गणपति (Lord Ganesh Pujan) की पूजा अर्चना के साथ ही घर के शुभ कार्य की शुरुआत होती है. विघ्नहर्ता गणेश जी का पूजन वैसे चतुर्थी तिथि के दिन किया जाता है. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2021) के नाम से जाना जाता है.

ऐसे तो आमतौर पर गणपति के भक्त उनको हर रोज मनाते हैं, लेकिन गणेश चुतर्थी को विशेष पूजा अर्चना भक्तों के द्वारा की जाती है. लेकिन मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी का सबसे ज्यादा खास महत्व होता है. आपको बता दें कि ये इस बार 7 दिसंबर, दिन मंगलवार के दिन मनाया जाएगा.
इतना ही नहीं मंगलवार के दिन चतुर्थी तिथि होने के कारण से इसको अंगारकी चतुर्थी भी कहा जाता है.तो आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में सब कुछ.
विनायक चतुर्थी तिथि और मुहूर्त 2021
मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी का भक्त व्रत रखते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन भगवान गणेश की पूजा और उपासना की जाती है. इस बार विनायक चतुर्थी 07 दिसंबर प्रातः 02 बजकर 31 मिनट पर लगेगी, जो कि उसी दिन रात को 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
इतना ही नहीं मंगलवार के दिन होने के कारण ये अंगारकी विनायक चतुर्थी के संयोग का निर्माण कर रहा है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि भगवान गणेश का पूजन दोपहर में करना शुभ होता है.
विनायक चतुर्थी पूजन विधि
मान्यता है कि अंगार की विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश का हर किसी को विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए. ऐसा करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है. विनायक चतुर्थी के दिन सुबह गणपति को प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नानादि से निवृत्त हो कर भगवान के आगे व्रत का संकल्प लें और फिर गणेश जी का पूजन शाम के समय पीले रंग के वस्त्र पहन कर करें.
गणपति की पूजन के दौरान पहले प्रभु को लाल सिंदूर से तिलक करें. इसके बाद धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य आदि चढ़ाएं इसके साथ ही भगवान को वस्त्र आर्पित करें, मान्यता है कि गणेश जी को पूजा में लड्डू और दूर्वा का भोग अवश्य लगाएं. इसके अलावा भगवान गणेश के मंत्रों और स्तुति का पाठ करें.


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