माघ मास में इस दिन मनाई जाएगी विनयक चतुर्थी
आज से माघ माह का आरंभ हो चुका है। इस महीने में भगवान गणेश से जुड़े दो महत्वपूर्ण व्रत आएंगे एक है सकट चौथ और दूसरा गणेश जयंती या माघ विनायक चतुर्थी। हिन्दी पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती होती है।
आज से माघ माह का आरंभ हो चुका है। इस महीने में भगवान गणेश से जुड़े दो महत्वपूर्ण व्रत आएंगे एक है सकट चौथ और दूसरा गणेश जयंती या माघ विनायक चतुर्थी। हिन्दी पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती होती है। इस दिन ही भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इस दिन को माघी गणेश चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी या तिलकुंड चतुर्थी भी कहा जाता है। इस वर्ष गणेश जयंती 4 फरवरी दिन, शुक्रवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि गणेश जयंती के दिन व्रत करने और गणेश जी के जन्मकथा का श्रवण करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही आपके समस्त कार्य पूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं कि गणेश जयंती के मुहूर्त, तिथि और धार्मिक महत्व के बारे में-
गणेश जयंती 2022
गणेश जयंती 2022 - फोटो : istock
गणेश जयंती 2022 तिथि और पूजा मुहूर्त
चतुर्थी तिथि का आरंभ: 04 फरवरी, शुक्रवार, प्रात: 04: 38 मिनट से
चतुर्थी तिथि का समाप्त: 05 फरवरी, शनिवार, प्रात: 03: 47 मिनट तक
शुभ मुहूर्त: 04 फरवरी, शुक्रवार, प्रातः11: 30 मिनट से दोपहर 01: 41 मिनट तक
कुल अवधि: 02 घंटा 11 मिनट
गणेश चतुर्थी 2022
गणेश चतुर्थी 2022 - फोटो : Pixabay
दो शुभ योग में मनाई जाएगी गणेश जयंती
इस बार की गणेश जयंती दो शुभ योग में मनाई जाएगी। 04 फरवरी को सुबह 07: 08 मिनट से दोपहर 03:58 मिनट तक रवि योग है और इसके उपरांत सायं 07: 10 मिनट तक शिव योग है।
गणेश जयंती 2022
गणेश जयंती 2022 - फोटो : Pixabay
गणेश जयंती का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्री गणेश की रचना माता पार्वती ने उबटन से की थी और उसमें प्राण प्रतिष्ठा की थी। उस समय माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी थी। इस वजह से इस दिन गणेश जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि गणेश जयंती के दिन श्री गणेश की पूरे विधि विधान से आराधना करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं। गणेश जयंती माघ मास की विनायक चतुर्थी के दिन आती है और इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित है। गणेश जयंती के दिन चंद्र दर्शन न करें अन्यथा आप पर झूठे आरोप लगने की संभावना बढ़ सकती है।