सनातन धर्म में श्री गणेश आराधना उपासना के लिए वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार समर्पित हैं। लेकिन चतुर्थी तिथि बेहद ही खास मानी जाती हैं। भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव माना गया हैं मान्यता है कि इनकी आराधना करने वालों को हर कार्य में सफलता मिलती हैं। आज यानी 23 मई दिन मंगलवार को ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी का व्रत पूजन किया जा रहा हैं इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की अपार कृपा बरसती हैं।
पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार चतुर्थी व्रत किया जाता हैं एक कृष्ण पक्ष में, तो दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता हैं तो वही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते हैं इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजन और व्रत करना उत्तम होता हैं तो आज हम आापको श्री गणेश पूजा का मुहूर्त और विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पूजन का शुभ मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि का आरंभ 22 मई की रात्रि 11 बजकर 18 मिनट पर हुआ हैं और इसका समापन 23 मई देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार आज यानी 23 मई को विनायक चतुर्थी का व्रत पूजन किया जा रहा हैं इस दिन श्री गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 28 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक का हैं। मान्यता है कि इस शुभ मुहूर्त में प्रभु की आराधना करने से साधक को अपार कृपा व फल की प्राप्ति होती हैं।
श्री गणेश पूजा विधि—
आपको बता दें कि इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर गणेश प्रतिमा के समक्ष व्रत पूजन का संकल्प करें और प्रभु को धूप, दीपक जलाकर उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं और वस्त्र अर्पित करें इसके बाद भगवान को पुष्प, मिठाई, फल, चंदन, मोदक और पान चढ़ाएं। इसके बाद भगवान श्री गणेश को सिंदूर लगाकर विनायक चतुर्थी की व्रत कथा का पाठ करें पूजन के अंत में प्रभु की आरती करें और सभी में प्रसाद बांटें इसके बाद व्रत का आरंभ करें। फिर संध्याकाल में भी श्री गणेश की पूजा करें।