विजया एकादशी का व्रत, नोट करें भगवान विष्णु की पूजा विधि

Update: 2024-03-06 11:30 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार आती है अभी फाल्गुन मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जा रहा है जो कि फाल्गुन की पहली एकादशी है इस बार विजया एकादशी का व्रत आज यानी 6 मार्च दिन बुधवार को किया जा रहा है इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है।
 विजया एकादशी के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से प्रभु की असीम कृपा प्राप्त होती है इस बार विजया एकादशी का व्रत 6 मार्च दिन बुधवार यानी आज मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की अगर विधिवत पूजा की जाए तो व्रत पूजन का पूर्ण फल प्राप्त होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा विजया एकादशी की पूजा विधि बता रहे हैं।
 एकादशी की पूजा विधि—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विजया एकादशी के शुभ दिन पर उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पीले या गुलाबी रंग के वस्त्रों को धारण कर व्रत पूजन का संकल्प करें इसके बाद घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
 इसके बाद भगवान की विधिवत पूजा आरंभ करें। प्रभु के समक्ष धूप दीपक जलाएं इसके बाद पुष्प अर्पित कर तिलक करें और भगवान को वस्त्र आदि अर्पित करें इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भोग लगाएं और उनकी आरती करें साथ ही विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्तनाम स्तोत्र का विधिवत पाठ करें इसके बाद भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और अपनी मनोकामना भगवान से कहें। इसके बाद सभी में प्रसाद बांटकर दिनभर उपवास करें। अगले दिन प्रसाद ग्रहण करके अपने व्रत का पारण करें।
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