VASTU TIPS: आपके जूतों का भी है वास्तु से गहरा संबंध, भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो होगी आर्थिक तंगी
आप अपने जीवन में कुछ भी करते हैं वो वास्तु के निमित्त ही होता है और अगर आप वास्तु को नहीं मानते या फिर उसकी अवहेलना करते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेसक | आप अपने जीवन में कुछ भी करते हैं वो वास्तु के निमित्त ही होता है और अगर आप वास्तु को नहीं मानते या फिर उसकी अवहेलना करते हैं तो ये आपके जीवन में किसी बड़े संकट की ओर भी ले जा सकता है. क्योंकि वास्तुशास्त्र कहता है कि मनुष्य के जरिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली हर वस्तु का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है.
काल पुरुष का सिद्धांत भी कहता है कि व्यक्ति की कुंडली का आठवां भाग पैर के तलवों से संबंधित है. मतलब साफ है कि आप अपने पैर में जो भी जूते पहनते हैं, उनका आपके जीवन पर सीधे तौर से प्रभाव पड़ता है. कुछ जूते दुर्भाग्य के सूचक होते हैं, जिन्हें पहनने से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक रूप से बाधाएं पैदा होनी शुरू हो जाती हैं. साथ ही कई काम बी बिगड़ जाते हैं.
क्या है जूतों का वास्तु से कनेक्शन?
वास्तुशास्त्र के मुताबिक, अगर किसी ने आपको गिफ्ट में जूते दिए हैं, तो वो आपको नहीं पहनना चाहिए. तो इससे शनिदेव रुष्ट हो जाते हैं. साथ ही जूते को उपहार के तौर पर देने भी नहीं चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि जो लोग मंदिर के बाहर से जूतों की चोरी करते हैं, वो अनजाने में अपनी सेहत और धन का विनाश कर रहे होते हैं. फटे जूते पहनकर नौकरी ढूंढने या कोई अहम काम करने के लिए न निकलें. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको किसी भी काम में सफलता नहीं मिलेगी. मेडिकल और लोहे का काम करने वालों को कबी भी सफेद जूते नहीं पहनने चाहिए.
ये हमेसा ध्यान रखें कि जूते की पॉलिस और चमक हमेशा बनी रहे. ये आपके व्यक्तित्व का प्रभाव दूसरे लोगों पर छोड़ती है. बेडरूम में अगर आप जूते रखते हैं तो पति-पत्नी में लगाव कम होता चला जाता है. जो लोग बाहर से लौटकर घर में जूते-चप्पल और मोजे इधर-उधर पेंक देते हैं, उन्हें शत्रु हमेसा परेशान करते हैं.
जूते पहनकर भोजन कभी भी न करें. इससे धीरे-धीरे नकारात्मकता आती जाती है. घर में जूतों के लिए अलग स्थान रखें. मंदिर या रसोई में चप्पल पहनकर न जाएं. भगवान को बोग लगाते समय या किसी को खाना परोसते समय भी जूते न पहनें.
वास्तु के अनुसार, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या पश्चिम दिशा में जूतों को रख सकते हैं. जूते-चप्पलों को रखने के लिए शू रैक बनवा लें और उसे ढककर रखें. सीढ़ियों के कोने में बने शू रैक शुभ नहीं होते.