वास्तुशास्त्र: कांच का टूटना शुभ होता है या अशुभ जानिए
हम सभी हर रोज खुद को शीशे में देखकर तैयार होते हैं। साथ ही कांच के बर्तनों में खाना भी खाते हैं। पर क्या आपको पता है कि आपके घर में मौजूद कांच शुभ और अशुभ का संकेत देता है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हम सभी हर रोज खुद को शीशे में देखकर तैयार होते हैं। साथ ही कांच के बर्तनों में खाना भी खाते हैं। पर क्या आपको पता है कि आपके घर में मौजूद कांच शुभ और अशुभ का संकेत देता है। कई लोग ऐसा मानते हैं कि अगर घर में कांच टूट जाए तो आने वाली विपत्ति टल जाती है। ऐसी ही कई रोचक तथ्यों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जो कांच से जुड़ा हुआ है।
कुछ लोगों का मानना होता है कि कांच में आत्मा के नकारात्मक हिस्से को कैद करने की शक्ति होती है। और जब कांच टूट जाए तो यह नकारात्मक शक्ति आजाद हो जाती है, जो हमें नुकसान पहुंचा सकती है। कुछ लोगों का मानना होता है कि व्यक्ति जब कोई इंसान जब कांच के अंदर अपना प्रतिबिंब देखता है तो उसे शीशे में अपने प्रतिबिंब के साथ उसकी आत्मा भी दिखाई पड़ती है।
कांच टूटने का मतलब होता है, आत्मा का मर जाना। इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए व्यक्ति को तुरंत अपना चेहरा पानी से भरे बर्तन या कुंड में देख लेना चाहिए। धर्म के जानकारों के मुताबिक कांच के टूटने से जुड़ी बातें हमारे समाज में सुनने को मिलती हैं, उनका जिक्र किसी भी धार्मिक ग्रंथ या किताब में नहीं मिलता है।
वास्तुशास्त्र में जरूर टूटे हुए कांच को घर में रखना अशुभ बताया गया है। इसका कारण ऊर्जा का ह्रास माना जाता है। यह ठीक उसी तरह है जैसे टूटे बर्तनों में खाना ना खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि कांच का सबसे पहले निर्माण मिस्त्र में किसा गया। यहां आज भी ग्लास इंडस्ट्री काफी बड़ी और मजबूत स्थिति में है। जबकि कुछ लोगों का मानना है कांच सबसे पहले रोम में बना।
शुरुआती समय में कांच बहुत महंगा हुआ करता था। हर किसी के पास इसकी उपलब्धता में लंबा वक्त लगा। इसलिए कांच को समाज में बहुत ही ध्यान और संभाल कर रखा जाता था। मान्यताओं के मुताबिक उस दौर में धर्म ही सबकुछ हुआ करता था। इस कारण सेहत और समाज से जुड़ी हर बात लोगों को धर्म से जोड़कर ही समझाने का प्रयास किया जाता था।