ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को खास माना जाता है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी वैशाख का महीना चल रहा है जो कि भगवान विष्णु की साधना को समर्पित किया गया है इस महीने विष्णु पूजा करना उत्तम माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है इस दिन तप जप, स्नान दान व पूजा पाठ का विधान होता है इसी के साथ ही वैशाख अमावस्या पर पूर्वजों का स्मरण कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना भी अच्छा माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं साथ ही वंश में वृद्धि होती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा वैशाख अमावस्या की तारीख और पितरों को श्राद्ध करने का सही समय।
वैशाख अमावस्या की तारीख—
ज्योतिष अनुसार इस साल वैशाख अमावस्या तिथि का आरंभ 7 मई दिन मंगलवार को 11 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन 8 मई दिन बुधवार को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख अमावस्या 8 मई दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
वैशाख अमावस्या पर स्नान दान का समय—
वैशाख अमावस्या तिथि पर स्नान दान का विशेष महत्व होता है इस दिन स्नान दान ब्रह्म मुहूर्त से आरंभ किया जाता है वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 10 मिनट से लेकर 4 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में स्नान करना सबसे उत्तम माना जाता है वही लाभ उन्नति मुहूर्त सुबह 5 बजकर 35 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट तक और अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 7 बजकर 15 मनट से 8 बजकर 56 मिनट तक प्राप्त हो रहा है।
पितरों को प्रसन्न करने का मुहूर्त—
अमावस्या पर स्नान करने के बाद ही पितरों का स्मरण करें इसके बाद जल, काले तिल और सफेद पुष्प, कुशा से तर्पण जरूर करें। वही अगर आप पितृदोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इस दिन पिंडदान और श्राद्ध करें इसके लिए सही समय दिन के 11 बजे से लेकर 2 बजकर 30 मिनट तक का समय ठीक रहेगा।