Tulsi Vivah बिन आरती पूरा नहीं होगा अनुष्ठान, मिलेगा देवी का आशीर्वाद

Update: 2024-11-09 12:30 GMT
Tulsi Vivah ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन तुलसी विवाह को बहुत ही खास माना जाता है जो कि बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह का पावन पर्व मनाया जाता है इस दिन वृंदा यानी तुलसी का विवाह शालिग्राम से कराया जाता है।
 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है और दांपत्य जीवन खुशहाल बना रहता है और सुख समृद्धि आती है। इस दिन उपवास भी किया जाता है। इसके अलावा मंदिरों और घरों में तुलसी विवाह समारोह का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन पूजा पाठ के दौरान तुलसी जी की आरती जरूर पढ़नी चाहिए। ऐसा करने से श्री हरि और माता लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती है और पूजा का पूरा फल भी मिलता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं माता तुलसी की आरती।
  तुलसी जी की आरती
जय जय तुलसी माता
सब जग की सुख दाता, वर दाता
जय जय तुलसी माता ।।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
रुज से रक्षा करके भव त्राता
जय जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
पतित जनो की तारिणी विख्याता
 जय जय तुलसी माता ।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
जय जय तुलसी माता ।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
जय जय तुलसी माता ।।
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