जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वरुथिनी एकादशी यानी वैशाख कृष्ण एकादशी इस बार 7 मई शुक्रवार यानी कि आज है। मान्यता है इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने से जातकों के सभी दोष दूर हो हो जाते हैं। इसके अलावा अगर इस दिन कुछ उपाय कर लिए जाएं तो लक्ष्मी नारायण अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जातकों की मनोवांछित कामनाएं पूरी करते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी की माला अर्पित करना चाहिए। मान्यता है तुलसी श्रीलक्ष्मी नारायण को अत्यंत प्रिय है। इसलिए तुलसी अर्पण करने से वह प्रसन्न होते हैं और जातकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा वरुथिनी एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। कहते हैं ऐसा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और श्रीहरि की कृपा से सुख-सौभाग्य आता है
अगर धन संबंधी किसी भी परेशानी से जूझ रहे हों तो वरुथिनी एकादशी के दिन श्रीहरि और माता लक्ष्मी की संयुक्त उपासना करें। इसके बाद पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। मान्यता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं। यही वजह है कि वरुथिनी एकादशी के दिन पीपल में जल चढ़ाने और उसकी पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातकों को उनकी कृपा मिलती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार वरुथिनी एकादशी के दिन श्रीलक्ष्मी नारायण को जब भोग लगाएं तो उसमें पीले रंग का विशेष प्रयोग करें। इसके लिए भगवान विष्णु को केसर-युक्त खीर, पीला फल और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जातकों के बिगड़ते काम बना देते हैं। लेकिन ध्यान रखें किसी भी उपाय को करते समय मन में कभी भी कोई भी गलत भावना या किसी दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की भावना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। अन्यथा भगवान विष्णु रूठ जाते हैं।