18 महीने के लिए होने जा रहा है राहु-केतु का गोचर जानें, मीन राशि का हाल

Update: 2023-06-24 18:23 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |आज बात करेंगे राहु और केतु के गोचर के बारे में। ये गोचर हो रहा है इस साल 30 अक्टूबर को। ये वक्र अवस्था में चलने वाले ग्रह हैं। इसके बाद 18 मई 2025 में इनका गोचर होगा। राहु और केतु की अपनी कोई राशि नहीं है। ये जहां पर बैठते हैं, उसी भाव का फल करते हैं। जिस राशि में बैठते हैं, उस राशि के स्वामी का फल करते हैं। ये बहुत ही जल्दी फल करते हैं। तो आइए जानते हैं कि राहु-केतु के गोचर से मीन राशि के जातकों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा ?Pisces मीन राशि: राहु और केतु शुभ गोचर में नहीं हैं। आपके लिए न फायदा है न नुकसान है। गुरु आपकी कुंडली में लग्न के स्वामी हैं। गुरु का दूसरे भाव के गोचर बहुत शुभ होता है। 30 अक्टूबर के बाद आपको इसके अच्छे फल दिखने शुरू हो जाएंगे। मीन राशि के जातक पहले से ही शनि की साढ़े साती के प्रभाव में हैं। मीन राशि जल तत्व की राशि होती है और शनि यहां पर आकर ठंडे हो जाते हैं। इसका बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिलेगा। यदि कुंडली में दशा राहु की चल रही है या अंतर्दशा राहु की चल रही है। राहु चंद्रमा के ऊपर से गोचर कर रहे हैं। ओवरथिंकिंग के शिकार हो सकते हैं। मीन राशि की महिलाएं जो प्रेग्नेंट हैं, उन्हें 30 अक्टूबर के बाद थोड़ा सा ध्यान रखने की जरुरत पड़ेगी। शेयर मार्केट से जुड़े काम को अवॉयड करें।

राहु की एक दृष्टि पड़ेगी नौवें भाव के ऊपर। नौवां भाव आपका भाग्य स्थान है, यहां से धार्मिक यात्रा देखी जाती है। ये कुंडली का सबसे शुभ भाव होता है। केतु सप्तम भाव में हैं। सप्तम भाव पार्टनर का भाव है। अगर किसी को कोई सेहत से जुड़ी प्रॉब्लम है तो सर्जरी होने की संभावना है, थोड़ा सावधान रहें। केतु तीसरे और ग्यारहवें भाव को देखेंगे। भाई के साथ थोड़ा मन-मुटाव हो सकता है। गुरु जो दूसरे स्थान में गोचर कर रहे हैं। ये धन भाव होता है और खान-पान का भाव होता है। जॉब और कारोबार बढ़िया तरीके से चलेगा। गुरु अष्टम भाव को देखेंगे। गुरु जब यहां पर बैठते हैं तो छठे भाव को देखते हैं। काम और आय के मामले में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी।

Tags:    

Similar News

-->