आज भगवान विष्णु की पूजा का बेहद शुभ संयोग, इन मंत्रों से करें प्रभु को प्रसन्न
जीवन में हर कोई चाहता है कि भगवान विष्णु अपनी कृपा बनाएं रखें, क्योंकि जिसते जीवन पर भी विष्णु भगवान की कृपा होती है, उसके ऊपर मां लक्ष्मी भी हमेशा प्रसन्न रहती हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान विष्णु (Vishnu Bhagwan) की पूजा का हिंदू धर्म में हमेशा से ही एक खास महत्व रहा है. हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु की पूजा के लिए गुरुवार के दिन को पूजनीय माना गया है. कहा जाता है कि अगर आप हर रोज विष्णु भगवान की पूजा नहीं भी कर पाते हैं और केवल गुरुवार को सच्चे मन से प्रभु की पूजा अर्चना करते हैं, तो इससे भगवान की कृपा प्राप्त होती है.
अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं तो प्रभु को खुश करने का 2 दिसंबर 2021 को विशेष संयोग बना है. इस दिन के पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि है. इस दिन बेहद ही शुभ योग का बना है. भगवान विष्णु की पूजा का इस दिन बेहद उत्तम संयोग बन रहा है. अगर आप भी इस दिन विष्णु जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो 2 दिसंबर यानी कि गुरुवार को इन प्रभावशाली मंत्रों का जाप करके भगवान की कृपा पा सकते हैं
भगवान विष्णु की पूजा से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा करने से लक्ष्मी जी भी जीवन में हमेशा के लिए कृपा प्राप्त होती है. लक्ष्मी जी के प्रसन्न होने से जीवन में धन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं शास्त्रों में लक्ष्मी जी को धन की देवी बताया गया है. वैसे जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है, उन्हें आज की पूजा से लाभ मिलता है. भगवान विष्णु की पूजा से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है.
यह भी कहा जाता है कि विधि पूर्वक विष्णु मंत्र का जाप मार्गशीर्ष मास में बेहद उत्तम माना जाता है. मार्गशीर्ष मास को भगवान विष्णु का सबसे प्रिय मास माना गया है. इस मास में इन मंत्रों का जाप शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है-
ये हैं भगवान विष्णु के प्रभावशाली मंत्र
1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
2. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
4. ॐ विष्णवे नम:
5. ॐ हूं विष्णवे नम:
6. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
लक्ष्मी विनायक मंत्र –
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र –
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
भगवान विष्णु के सरल मंत्र –
ॐ अं वासुदेवाय नम:
– ॐ आं संकर्षणाय नम:
– ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
– ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
– ॐ नारायणाय नम:
विष्णु के पंचरूप मंत्र –
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।