उन्नाव जिले के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में पिछले हफ्ते तीन लड़कियां एक खेत में बेहोशी की हालत में दुपट्टे से बंधी पड़ी मिली थीं। तीनों लड़कियां बुधवार दोपहर मवेशियों के लिए चारा लेने खेत में गई थीं, लेकिन जब देर शाम तक वे नहीं लौटीं, तो उनकी तलाश की गई। तीनों ही युवतियां एक ही परिवार की थीं, जिनमें दो चचेरी बहनें थीं। तीसरी एक लड़की उन दोनों की रिश्ते में बुआ लगती थी। तीनों की उम्र 13 साल, 16 साल और 17 साल थी। अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो लड़कियों की मौत हो गई, जबकि एक लड़की गंभीर हालत में कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। लड़कियों के कुछ परिजनों ने बेटियों के साथ 'गलत काम' होने की भी आशंका जताई थी, जिसके आधार पर कुछ जगहों पर ऐसी खबरें भी प्रकाशित हुईं। हाल में हाथरस में भी ऐसा मामला सामने आया था, जहां पुलिस ने पहले यह कहने की कोशिश की थी कि लड़की से बलात्कार नहीं हुआ। यहां भी प्रशासन का यही दावा है। मगर पीड़ित पक्ष की आशंकाओं के आधार पर खबर छापना या ट्विट करना अपराध कैसे है, यह समझना मुश्किल है। क्या ये एफआईआर हर संभावित आवाज को दबाए रखने की कोशिश नहीं हैं? 25 फरवरी को गुरु पुष्य मुहुर्त राज योग बन रहा है। इस दिन माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी भी है। कवि घाघ ने इसके बारे में दो पंक्ति कही हैं 'अष्टमी तीज त्रयोदशी। पूछो ना पंडित ज्योतिषी।' अर्थात शुक्ल पक्ष की तृतीया, अष्टमी और त्रयोदशी, इन तिथियों में बिना किसी विद्वान से पूछे भी शुभ कार्य में प्रयोग कर लेना चाहिए। जब बृहस्पतिवार को पुष्य नक्षत्र होता है तो गुरु पुष्य योग बनता है। इस बारे में शास्त्रों का कहना है कि यह योग वर्ष में एक या दो बार आता है और कभी आता भी नहीं है। लेकिन इसकी उपयोगिता सभी महुर्तों से अधिक है।
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25 फरवरी को बृहस्पतिवार के दिन पुष्य नक्षत्र दोपहर 1:16 बजे तक है। इसके साथ साथ 28 महत्वपूर्ण योगों में शोभन योग भी अति उत्तम है। इस विशेष योग में विवाह कार्य छोड़ कर जितने भी शुभ कार्य हैं उनको करना उत्तम रहता है। जैसे भूमि,भवन खरीदना,रजिस्ट्री कराना, टोकन मनी देना, नींव पूजन, गृह प्रवेश, नवीन वाहन बेचना या खरीदना,किसी के साथ व्यापारिक अनुबंध करना, व्यापार आरंभ करना, धातु, आभूषण आदि खरीदना,नवीन वस्त्र खरीदना, घर के उपकरण जैसे एसी ,कूलर ,फ्रिज या सोफा खरीदना इस योग में बहुत श्रेष्ठ माना गया है। इसके साथ-साथ साधक लोग सिद्धि के लिए मंत्र को सिद्ध करने के लिए इस योग को श्रेष्ठ मानते हैं। इस योग में मंत्र जाप,अनुष्ठान और किसी रत्न को विशेष मंत्रों द्वारा आभिमंत्रित करना श्रेष्ठ माना गया है।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)