कालाष्टमी पर आज इस विधि से शिवलिंग पर चढ़ाएं बेलपत्र, नकारात्मक शक्तियों से मिलेगी मुक्ति

शिवलिंग पर चढ़ाएं बेलपत्र

Update: 2022-07-20 06:46 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष: हिंदू धर्म में व्रत पूजा को बेहद ही खास माना जाता है वही हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है अभी श्रावण मास का पवित्र महीना चल रहा है वही सावन की पहली कालाष्टमी आज यानी 20 जुलाई दिन गुरुवार को पड़ी है इस दिन कालभैरव की विधिवत पूजा की जाती है भैरब बाबा की उत्पत्ति शिव से ही हुई है जिनमें बटुक भैरव और काल भैरव है काल भैरव शिव के अवतार माने जाते हैं

ऐसे में श्रावण मास में इनकी आराधना करने का महत्व और भी बढ़ जाता है कालभैरव की कृपा से भक्तों को हर तरह के भय से मुक्ति प्राप्त होती है और नकारात्मकता भी दूर हो जाती है आज के दिन भगवान की विधि विधान से पूजा की जाती है और उपवास भी रखा जाता है तो आज हम आपको कालभैरव देव की पूजा से जुड़ी जानकारी अपने इस लेख द्वारा प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि कालभैरव भगवान शिव के रौद्र, विकराल और प्रचण्ड स्वरूप माने जाते हैं श्रावण मास में कालाष्टमी की पूजा का विशेष महत्व होता है इस दिन 21 बेलपत्र पर लाल या सफेद चंदन से 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करने से नकारात्मकता का नाश होता है और जीवन में सुख शांति आती है वही भैरव बाबा की पूजा व भक्ति से भूत, पिशाच और काल भी दूर हो जाते हैं आज के दिन गृहस्थ लोगों को सात्विक पूजन करना शुभ होता है पूरी निष्ठा और विश्वास से आज के दिन काल भैरव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से सभी रुके हुए कार्य फिर से पूरे हो जाते हैं।
आज के दिन कालभैरव का दर्शन जरूर करना चाहिए ऐसा करने से अशुभ कार्यों से भी व्यक्ति को मुक्ति मिलती है वही बाबा के दर्शन करते समय इस मंत्र का जाप करना लाभकारी माना जाता है 'ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:' इसका जाप करने से समस्त कष्ट भी समाप्त हो जाते हैं भैरव बाबा की सवारी कुत्ता है कालाष्टमी पर भगवान की कृपा पाने के लिए आप काले कुत्ते को मीठी रोटी और गुड़ खिलाएं ऐसा करने से ग्रह बाधा से भी छुटकारा मिल जाता है वही जीवन में आने वाली हर तरह की परेशानियां दूर होती है।


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