Gupt Navratri के तीसरा दिन मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा, जानें विधि और महत्व

Update: 2025-02-02 08:33 GMT
Gupt navratri ज्योतिष न्यूज़ : गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन देवी त्रिपुर सुंदरी की आराधना के लिए समर्पित होता है। इन्हें षोडशी, ललिता और राजेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। देवी त्रिपुर सुंदरी को सौंदर्य, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इनकी उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
मां त्रिपुर सुंदरी की महिमा और महत्व
देवी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्याओं में तीसरे स्थान पर विराजमान हैं। इन्हें तीनों लोकों की सबसे सुंदर देवी माना गया है। पौराणिक ग्रंथों में यह उल्लेख मिलता है कि यह देवी मां पार्वती का दिव्य स्वरूप हैं और उन्हें तांत्रिक साधना में विशेष स्थान प्राप्त है। इस कारण से इन्हें "तांत्रिक पार्वती" भी कहा जाता है। देवी त्रिपुर सुंदरी सोलह कलाओं से परिपूर्ण हैं, और इनकी कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि में देवी त्रिपुर सुंदरी की पूजा विशेष विधि से की जाती है। सही विधि से पूजन करने से साधक को अधिक लाभ प्राप्त होता है। इसके लिए प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। सफेद रंग के वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। एक पवित्र स्थान पर चौकी रखें और उस पर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर मां त्रिपुर सुंदरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। देवी को कुमकुम, अक्षत (चावल), पुष्प और फल अर्पित करें।
मां त्रिपुर सुंदरी को दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं। पूजा के दौरान "ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद मां की कथा का पाठ करें और श्रद्धा भाव से आरती करें। पूजा के समापन पर कन्याओं को प्रसाद वितरित करें, जिससे मां की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
मां त्रिपुर सुंदरी की पूजा के लाभ
मां त्रिपुर सुंदरी को यौवन, आकर्षण और प्रेम की देवी कहा जाता है। इनकी उपासना से साधक के आकर्षण और सौंदर्य में वृद्धि होती है। वैवाहिक जीवन में प्रेम और शांति बनी रहती है। सभी प्रकार के कष्ट, शत्रु बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं। व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में मान-सम्मान बढ़ता है। धन, वैभव और समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गुप्त नवरात्रि में मां त्रिपुर सुंदरी की उपासना से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का संचार होता है। यह देवी न केवल भौतिक सुख-संपत्ति प्रदान करती हैं, बल्कि साधक को आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उत्थान का आशीर्वाद भी देती हैं।
माघ गुप्त नवरात्रि की तिथियां
नवरात्रि प्रतिपदा- 30 जनवरी 2025, गुरुवार - मां काली
नवरात्रि द्वितीया- 31 जनवरी 2025, शुक्रवार - मां तारा
नवरात्रि तृतीया- 1 फरवरी 2025, शनिवार - मां त्रिपुर सुंदरी
नवरात्रि चतुर्थी- 2 फरवरी 2025, रविवार - मां भुवनेश्वरी
नवरात्रि पंचमी- 2 फरवरी 2025 रविवार - मां भैरवी
नवरात्रि षष्ठी- 3 फरवरी 2025, सोमवार - मां छिन्नमस्ता
नवरात्रि सप्तमी- 4 फरवरी 2025, मंगलवार- मां धूमावती
नवरात्रि अष्टमी- 5 फरवरी 2025, बुधवार - मां बगलामुखी
नवरात्रि नवमी- 6 फरवरी 2025, गुरुवार - मां मातंगी
नवरात्रि दशमी- 7 फरवरी 2025, शुक्रवार - मां कमला
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