आज दशहरा पर रावण दहन का जाने शुभ मुहूर्त

आज देशभर में दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक है।

Update: 2021-10-15 03:20 GMT

आज देशभर में दशहरा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दशहरा का त्योहार असत्य पर सत्य की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म के विजय का प्रतीक है। भगवान श्रीराम ने लंका के दुराचारी राजा रावण का वध कर पूरे संसार को उसके अत्याचारों से मुक्त ​कराया था और माता सीता को उसकी चंगुल से छुड़ाया था। इस युद्ध में रावण के साथ उसका भाई कुंभकर्ण, पुत्र मेघनाद जैसे कई असुर मारे गए। रावण का वध कर श्रीराम ने विश्व में धर्म और सत्य की स्थापना की थी। उसके स्मरण में ही हर वर्ष आश्विन शुक्ल दशमी को दशहरा का त्योहार मनाया जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया जाएगा और विजयादशमी या दहशरा का पूजा भी होगा। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं कि रावण के पुतला दहन के मुहूर्त कौन-कौन से हैं और दशहरा पूजा का वह कौन सा मुहूर्त है, जिससे कीर्ति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इनके बारे में।

दशहरा 2021 पूजा मुहूर्त
विजयादशी के दिन दोपहर में दशहरा की पूजा करने का विधान है। इस वर्ष आप दिन में 11 बजकर 30 मिनट से दोपहर 01 बजकर 25 मिनट तक दशहरा पूजा कर सकते हैं। इस मुहूर्त की दशहरा पूजा कीर्ति प्रदान करने वाली होती है।
दशहरा 2021 के शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त: आज दिन में 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक। इस मुहूर्त में की गई पूजा से विजय प्राप्त होती है।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक। इस मुहूर्त में आप शस्त्र पूजा कर सकते हैं।
रवि योग: आज पूरे दिन यह योग है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: आज प्रात: 06 बजकर 22 मिनट से सुबह 09 बजकर 16 मिनट तक।
रावण दहन 2021 मुहूर्त
आज दशहरा पर रावण दहन का मुहूर्त शाम को 07 बजकर 26 मिनट से रात 09 बजकर 22 मिनट तक है।
देवी अपराजिता पूजा और नीलकंठ पक्षी का दर्शन
दशहरा के दिन देवी अपराजिता की पूजा करने का विधान है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलजा प्राप्त होती है। दशहरा पर शमी की पूजा करना और नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना भी शुभ होता है।


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