आज सुहागिन महिलाएं जरुर करें माता मंगला गौरी की आरती

मंगला गौरी का व्रत सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। सावन मास प्रारम्भ हो चुका है। जिस तरह भगवान शिव को सावन अत्यधिक प्रिय है, ठीक उसी तरह यह माता पार्वती को भी प्रिय है।

Update: 2021-08-03 03:36 GMT

मंगला गौरी का व्रत सावन के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। सावन मास प्रारम्भ हो चुका है। जिस तरह भगवान शिव को सावन अत्यधिक प्रिय है, ठीक उसी तरह यह माता पार्वती को भी प्रिय है। सावन मास के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव तथा प्रत्येक मंगलवार को माता गौरी की पूजा की जाती है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को अखंड सौभाग्यवती रहने के लिए करती हैं। मंगला गौरी व्रत रखने से महिलाओं की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। सावन के प्रत्येक मंगलवार के दिन सुहागिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से इस व्रत का अनुष्ठान करती हैं। आइये मंगला गौरी आरती और उसके महत्व के बारे में जानें।

मंगला गौरी आरती

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता

ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,


जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है,

साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,

हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,

सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता।


जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

देवन अरज करत हम चित को लाता,

गावत दे दे ताली मन में रंगराता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता ।।

मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता

सदा सुख संपति पाता।

जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।

मंगला गौरी व्रत का महत्‍व

माता मंगला गौरी के व्रत का पाठ और सुनने से जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती हैं। पूरे सावन मंगला गौरी की आरती सुबह और शाम करने से आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण हो जाएंगी।



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