आज है सावन मास का पहला प्रदोष व्रत, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
आज सावन का पहला प्रदोष व्रत है. इस खास दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है.
आज सावन का पहला प्रदोष व्रत है. इस खास दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है. भोलेनाथ के भक्तों के लिए ये महीना महत्वपूर्ण है. इस पूरे महीने शिव भक्त भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करते हैं. हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखें जाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है. इस व्रत को करने से कुंडली में चंद्र दोष दूर होता है. इस व्रत के दिन भोलेनाथ की पूजा होती है. ये प्रदोष व्रत गुरुवार को पड़ रहा है इसलिए इस दिन राम रक्षा स्त्रोत का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
सावन का पहला प्रदोष व्रत 05 अगस्त 2021 को त्रयोदशी तिथि में शाम 05 बजकर 09 मिनट से शुरू होगा.
त्रयोदशी तिथि समाप्त 06 अगस्त शाम 06 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगा.
प्रदोष व्रत विधि
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना होती है. इस दिन सुबह – सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा करने का संकल्प लें. पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापना करें. इसके बाद भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाकर शिव मंत्रों का जाप करें.
शाम के समय में भोलनाथ को भांग , धतूरा, बेलपत्र, अक्षत, धूप, दीप, फल, फूल और खीर का प्रसाद भोग लगाएं. इस दिन शिव चालीसा और शिवाष्टक का पाठ करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस बार गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ रहा है. इसलिए भगवान विष्णु की पूजा अर्चना जरूरी करें. मान्यता है कि भोलनाथ के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस दिन पूजा- पाठ करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है.
प्रदोष व्रत महत्व
सावन में भोलेनाथ की पूजा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाती है. प्रदोष व्रत के दिन पूजा और उपवास करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है. इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति होती है. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाती हैं. सावन में कुंवारी लड़कियां व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनचाहा पति मिलता है. कई लोग 16 सोलह सोमवार का व्रत रखते हैं.