हर वर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भाई दूज मनाया जाता है। तदानुसार, इस वर्ष 27 अक्टूबर यानी आज भाई दूज मनाया जा रहा है। 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के चलते भाई दूज का पर्व दो दिन मनाया गया है। देश के कई हिस्सों में 26 अक्टूबर को भी भाई दूज का पर्व मनाया गया है। वहीं, कई जगहों पर आज मनाया जा रहा है। यह पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस मौके पर बहनें अपने भाइयों के सिर पर तिलक लगाती हैं और स्वादिष्ठ भोजन कराती हैं। यह परंपरा चिरकाल से चली आ रही है। धार्मिक मान्यता है कि मृत्यु के देवता यमराज कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को अपनी बहन यमुनाजी के घर पधारे थे। उस दिन यमुनाजी ने उनका भव्य स्वागत किया था। सबसे पहले यमुनाजी ने यमराज के मस्तक पर टीका लगाया। इसके बाद उन्हें स्वादिष्ठ भोजन कराया था। उस समय से भाई बहन का यह पर्व मनाया जाता है। अगर आप भी अपने भाई की लंबी आयु और खुशहाल जीवन चाहती हैं, तो शुभ मुहूर्त में पूजा कर भाई को टीका लगाएं। आइए, भाई दूज का शुभ मुहूर्त जानते हैं-
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
हिंदी पंचांग के अनुसार, आज द्वितीया दोपहर में 12 बजकर 45 तक है। इससे पहले भाई दूज का पर्व मना सकते हैं। आसान शब्दों में कहें तो 12 बजकर 45 मिनट तक टीका लगाने का शुभ मुहूर्त है। वहीं, टीका लगाने का दो शुभ मुहूर्त हैं। प्रथम अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 42 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है। वहीं, द्वितीय सर्वार्थ सिद्ध योग है, जो दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 45 मिनट तक है। इस दौरान बहनें अपने भाइयों को टीका लगा सकती हैं। साथ ही विधिवत यमराज और यमुनाजी की पूजा कर सकती हैं।