आमतौर पर दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा की जाती है, अन्नकूट होता है. भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाया जाता है लेकिन कई सालों के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा की जाएगी. 24 अक्टूबर को दिवाली मनाने के बाद अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने के कारण आज 26 अक्टूबर को गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाएगी. वहीं कुछ लोग आज भाई दूज भी मना रहे हैं. हालांकि भाई दूज मनाने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त कल 27 अक्टूबर, गुरुवार को हैं.
गोवर्धन पूजा तिथि और शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है. इसे अन्नकूट भी कहते हैं. इस साल प्रतिपदा तिथि अक्टूबर 25, 2022 की रात 04:18 बजे शुरू हुई और 26 अक्टूबर की दोपहर 02:42 बजे तक रहेगी. इस दौरान गोवर्धन पूजा का सुबह मुहूर्त सुबह 06:29 बजे से 08:43 बजे तक करीब 2 घंटे 14 मिनट का है. वहीं गोवर्धन पूजा 2022 दिन का चौघड़िया शुभ मुहूर्त -
लाभ-उन्नति: सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:53 बजे तक
अमृत-सर्वोत्तम: सुबह 07:53 बजे से सुबह 09:17 बजे तक
शुभ-उत्तम: सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक
चर-सामान्य: दोपहर 02:53 बजे से शाम 04:17 बजे तक
लाभ-उन्नति: शाम 04:17 बजे से शाम 05:41 बजे तक
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा करने के लिए घर के आंगन या बालकनी में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं. इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें. ऐसा करने से भगवान श्री कृष्ण की हमेशा कृपा बनी रहती है. मान्यता है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली से उठा लिया था. इसके साथ ही इंद्र का घमंड चूर-चूर हो गया था. तब से ही गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को 56 पकवानों का भोग लगाया जाता है, जिसे अन्नकूट कहते हैं. अन्नकूट के दिन श्रीकृष्ण मंदिरों में सजावट और सामूहिक भोज के आयोजन देखने लायक रहते हैं.