सनातन धर्म में वैसे तो कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं लेकिन श्री गणेश की पूजा को समर्पित संकष्टी चतुर्थी का व्रत बेहद ही खास माना जाता हैं। पंचांग के अनुसार हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की पूजा के लिए खास मानी जाती हैं इस दिन श्री गणेश की विधिवत पूजा और व्रत आदि करने से प्रभु की कृपा बरसती हैं।
अभी आषाढ़ का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर किया जाता हैं इसे कृष्णपिड्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज यानी 7 जून दिन बुधवार को किया जा रहा हैं इस दिन श्री गणेश की आराधना करने से प्रभु की अपार कृपा बरसती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं तो आज हम आपको संकष्टी चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त और मंत्र के बारे में बता रहे हैं।
गणेश पूजा का मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 6 जून दिन मंगलवार की रात्रि 12 बजकर 50 मिनट पर हो चुका है और समापन 7 जून दिन बुधवार को रात्रि 9 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि की मानें तो गणेश चतुर्थी का व्रत आज यानी 7 जून के दिन रखा जाएगा। इस दिन चंद्रमा रात 10 बजकर 50 मिनट पर उदित होगा।
श्री गणेश पूजन मंत्र—
- ऊं गं गणपते नमः
- वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।
- ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपत्ये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।