आज है रटन्ती कालिका पूजा...आप जरूर करें मां काली की आरती

आज रटन्ती कालिका पूजा है। यह विशेष तौर पर भारत के पूर्वी हिस्सों में मनाई जाती है।

Update: 2021-02-10 03:13 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्कआज रटन्ती कालिका पूजा है। यह विशेष तौर पर भारत के पूर्वी हिस्सों में मनाई जाती है। यह पूजा हर वर्ष देवी शक्ति उपासकों द्वारा माघ माह की चतुर्दशी तिथि को की जाती है। इस दिन देवी काली को दयालु माता के रूप में पूजा जाता है। रटन्ती का अर्थ है प्रिय। यह दिव्य भक्तों के लिए एक विशेष अवसर माना जाता है। बंगाल में लोग दक्षिणेश्वर काली मंदिर में काली मां की पूजा करते हैं। माघ मास में चंद्रमा के चरण वंदन के दौरान देवी काली की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं राहूकाल और इस दिन का महत्व

आज का पंचांग:
दिन: बुधवार, माघ मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि।
आज का दिशाशूल: उत्तर।
आज का राहुकाल: दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक।
आज की भद्रा: दोपहर 01 बजकर के 35 मिनट तक।
आज का पर्व एवं त्योहार: रटन्ती कालिका पूजा, मासिक शिवरात्रि।
विशेष: बुध वक्री, षटग्रही योग।
मां काली की आरती: इस दिन पूजा करते समय यह आरती जरुर करनी चाहिए।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता। पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना। हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती॥

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