आज है नरसिम्हा द्वादशी...जानें क्या है इस तिथि का महत्व

आज नरसिम्हा द्वादशी है। आज का दिन भगवान विष्णु के अवतार नरसिम्हा भगवान को समर्पित होता है।

Update: 2021-03-25 03:37 GMT

आज नरसिम्हा द्वादशी है। आज का दिन भगवान विष्णु के अवतार नरसिम्हा भगवान को समर्पित होता है। इन्हें नरसिम्हा भी कहा जाता है। इस उत्सव को पूरे देश में गोविंदा द्वादशी के रूप में भी जाना जाता है। नरसिंह द्वादशी व्रत के समतुल्य इस शुभ अवसर से संबंधित कई अनुष्ठान किए जाते हैं। नरसिम्हा द्वादशी का वर्णन वेदों और पुराणों में भी किया गया है। नरसिम्हा भगवान, विष्णु जी के 12 अवतारों में से एक हैं। मान्यताओं के अनुसार, नरसिम्हा द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह खंभे को चीर कर प्रकट हुए थे। इनका आधा शरीर मनुष्य और आधार शेर का था। इन्होंने असुरों के राजा हिरण्यकश्यप का संघार किया था। इनके प्रकट होने के चलते ही इस दिन नरसिम्हा द्वादशी मनाई जाती है।नरसिम्हा द्वादशी की तिथि:

हिंदू पंचांग के अनुसार, एक वर्ष में 24 द्वादशी मनाई जाती हैं। द्वादशी 2 प्रकार की होती है। एक शुक्ल पक्ष की द्वादशी और दूसरी कृष्ण पक्ष की द्वादशी। नरसिम्हा द्वादशी फाल्गुन माह के पवित्र महीने में शुक्ल पत्र की बाहरवीं तिथि को आती है। यह तिथि आज है।
नरसिम्हा द्वादशी का महत्व:
शास्त्रों के अनुसार, नरसिम्हा द्वादशी का व्रत करने से व्यक्ति के ब्रह्महत्या का पाप भी मिट जाता है। साथ ही यह व्रत करने से सांसारिक सुख, भोग और मोक्ष तीनों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि अगर इस दिन सच्चे मन से यह व्रत किया जाए तो व्यक्ति के सातों जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। नरसिम्हा भगवान ने अवतार धारण कर अपने परम भक्त प्रहलाद को भी वरदान दिया था। कहा जाता है कि जो व्यक्ति शुद्ध मन के साथ नरसिम्हा भगवान का व्रत करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।


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