आज हैं चैत्र पूर्णिमा, जानें महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में चैत्र महीने की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सनातन धर्म में चैत्र महीने की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा का पाठ करना विशेष लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन विधि-विधान से पूजा करने के साथ ही व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज नगरी में रास उत्सव रचाया था। इस उत्सव को महारास के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का जन्म भी हुआ था। ऐसे में इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाते हैं। चैत्र पूर्णिमा के साथ ही चैत्र महीने का समापन होता है और वैशाख महीने का आगमन हो जाता है।
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चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त-
इस साल चैत्र पूर्णिमा 26 अप्रैल 2021, सोमवार, दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 27 अप्रैल, 2021, मंगलवार, सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। आज चंद्रोदय शाम 07 बजे और चंद्रास्त 28 अप्रैल की सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर होना है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा की शुभता में वृद्धि होती है।
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चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि-
चैत्र पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। सुबह स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें। इस साल कोरोनावायरस से बचाव के लिए घर में रहना ही बेहतर है। आप नहाने के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इस दिन विधि- विधान से हनुमान जी की पूजा करें। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। पूजा के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी को भोग लगाएं और फिर हनुमान जी और सभी देवी- देवताओं की आरती करें। रात के वक्त चंद्रमा की पूजा का भी विधान है।