आज फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा है विशेष संयोग, ऐसे करें तर्पण
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को फाल्गुन अमावस्या कहा जाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को फाल्गुन अमावस्या (Falgun Amavasya) कहा जाता है. अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. आज फाल्गुन अमवस्या है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर पितरों को तर्पण दिया जाता है. हिंदू धर्म में पितरों को तर्पण देने का विशेष महत्व है. इस दिन दान- पुण्य करने से विशेष लाभ होता है. पंचांग के अनुसार इस बार फाल्गुन अमावस्या पर देवपितृ कार्य और शनैश्चरी अमावस्या का संयोग बन रहा है.
फाल्गुन अमावस्या के दिन तर्पण करने का विशेष महत्व होता है. आज के दिन दक्षिण दिशा में कंबल या कुश के आसन पर बैठकर तर्पण करना शुभ माना जाता है. तर्पण के दौरान हाथ में कुश की अंगूठी पहननी चाहिए.
शुभ मुहूर्त
मार्च 12, 2021 को 15:04:32 से अमावस्या शुरू
मार्च 13, 2021 को 15:52;49 पर अमावस्या समाप्त
फाल्गुन अमावस्या का जानें महत्व
इस माह में आने वाली फाल्गुन अमावस्या को काफी लाभकारी माना जाता है. इस दिन लोग सुख, संपत्ति और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण या श्राद्ध भी किया जाता है. फाल्गुन अमावस्या के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है जिससे आपके सारे पाप कट जाते हैं और जीवन में खुशहाली आती है. माना जाता है कि फाल्गुन अमावस्या पर देवताओं का निवास संगम तट पर होता है. इस दिन प्रयाग संगम पर स्नान का भी अति महत्व होता है.
इस तरह करें तर्पण
फाल्गुन अमावस्या के दिन तर्पण के लिए सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद सूर्य देवता को जल का अर्घ्य देते हुए मंत्रों का जाप करें.
इसके बाद तर्पण के आसन पर बैठ जाएं और तिल से मिले हुए जल का इस्तेमाल करें.
तर्पण में तिल का विशेष महत्व होता है. तर्पण की पूजा होने के बाद जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं.
इसके बाद गरीबों में दान- पुण्य करना चाहिए.